YRKKH 30 Sept: दादी-सा ने फूफा-सा को दिखाई उनकी औकात, कावेरी पौद्दार को समझ आई अभिरा की अहमियत
1 month ago | 5 Views
‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में विद्या, दादी-सा से नाराज हो जाएगी। विद्या, दादी-सा से बात करेगी। वह दादी-सा से पूछेगी कि उन्होंने अभिरा को पौद्दार फर्म में नौकरी करने का ऑफर क्यों दिया। दादी-सा, विद्या को अभिरा की अहमियत बताएंगी। दादी-सा कहेंगी कि अरमान की डोर अभिरा के हाथ में है। इस घर को और पौद्दार फर्म को अरमान की जरूरत है इसलिए अभिरा को साथ लेकर चलना जरूरी है।
अरमान की अहमियत
विद्या, दादी-सा से बहस करेगी। वह कहेगी कि अरमान नहीं, रोहित इस घर को और फर्म को संभालेगा। इस पर दादी-सा कहेंगी, ‘पता है विद्या, ये किन केसेस की फाइल्स हैं? ये उन केसेस की फाइल्स हैं जो 2 महीने में अरमान जीतने वाला है और ये उन केसेस की फाइल्स हैं जो 2 महीने में रोहित हारने वाला है। फर्म में रोहित का ये हाल है और रही बात घर की तो घर संभालने के लिए लड़ना पड़ता है और लड़ने की हिम्मत रोहित में नहीं है।’
अभिरा की तारीफ
इसके बाद विद्या, दादी-सा से पूछेगी कि उन्होंने अभिरा को नौकरी का ऑफर क्यों दिया? दादी-सा कहेंगी, ‘वो लड़की बहुत काबिल है विद्या। वो इतनी काबिल है कि हम चाहते हैं कि वो हमारा साथ दे। वरना वो पौद्दार फर्म के लिए बहुत बड़ा खतरा बन जाएगी। करियर के शुरुआत में अरमान जैसा वकील उससे जीत नहीं पाया था। अगर वो कामयाब हो गई तो हमारे लिए खतरा बन जाएगी।’ ऐसे में विद्या, दादी-सा से फूफा-सा के बारे में पूछेगी। विद्या कहेगी कि फर्म संभालने के लिए फूफा-सा भी तो हैं।
फूफा-सा की बेइज्जती
दादी-सा कहेंगी, ‘वो दामाद हैं। बेटे नहीं। जमाई-सा हमारे लिए समाजसेवा नहीं करते हैं। हमारे फर्म में रहकर उनके करियर को भी फायदा हुआ है। वो मेहनत करते हैं, फर्म के लिए भी और अपने लिए भी। बेटा सौतेला सही, अपना होता है। जमाई बेटे जैसे सही, पराए होते हैं। जमाई-सा अगर फर्म संभालेंगे तो बंसल परिवार का नाम करेंगे। हमें पौद्दार परिवार के नाम को आगे बढ़ाने वाला चाहिए।’ दादी-सा की बातें फूफा-सा सुन लेंगे और टूट जाएंगे।
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