IPL 2024: कंट्रोवर्सी नहीं, इतने मिनट बच रहे...श्रीनाथ और मेनन ने बताया स्मार्ट रिप्ले सिस्टम कैसे लाया क्रांति - VIDEO

IPL 2024: कंट्रोवर्सी नहीं, इतने मिनट बच रहे...श्रीनाथ और मेनन ने बताया स्मार्ट रिप्ले सिस्टम कैसे लाया क्रांति - VIDEO

5 months ago | 25 Views

मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ और अंपायर नितिन मेनन ने आईपीएल 2024 में लागू किए गए 'स्मार्ट रिप्ले सिस्टम' की तारीफ की है। उन्होंने इसके फायदे बताए हैं। श्रीनाथ का कहना है कि टाइम काफी बच रहा है। वहीं, मेनन ने कहा कि अब कंट्रोवर्सी नहीं होती और फोकस सिर्फ प्लेयर्स पर होता है। बता दें कि बीसीसीआई ने आईपीएल में मैच के दौरान फैसलों को सटीक और बेहतर बनाने के लिए यह सिस्टम लागू किया है। इसके तहत टीवी अंपायर को दो हॉक आई ऑपरेटरों से सीधे इनपुट प्राप्त होते हैं। ऑपरेटर 8 हाई स्पीड कैमरों द्वारा लिए गए विजुअल अंपायर को दिखाते हैं।

आईपीएल के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किए गए वीडियो में श्रीनाथ ने कहा, ''किसी भी टी20 ओवर के गेम में हर गेंद अहम होती है। हर टीम एक्यूरेसी चाहती है। एक गलत फैसला टीम को महंगा पड़ सकता है। जब आप एलबीडब्ल्यू के लिए डीआरएस करते हैं और पता चलता है कि गेंद लेग साइड में पिचिंग हो रही है तो फिर आपको आगे जांचना नहीं पड़ता। ऐसे में एक पारी में 9 से 9 मिनट सेव करते हैं। कभी-कभी एक गेम में 20 मिनट तक बच जाते हैं।''

श्रीनाथ ने साथ ही बताया कि कैसे कमर से ऊपर फुलटॉस को चेक किया जाता है? उन्होंने कहा, ''फोटोग्राफ सेशन के दौरान खिलाड़ियों की हाइट चेक जाती है। फिर उसे डिस्प्ले किया जाता है। अभी आप स्क्रीन पर सूर्यकुमार को देख रहे हैं। सूर्या की वेस्ट हाइट 1.02 है। बॉल ट्रैकर 0.98  दिख रहा है, जिसका मतलबा है कि गेंद कमल से नीचे है। इसपर कोई सवाल नहीं है। प्लेयर इस टेक्नोलॉजी को लेकर कॉन्फिडेंट हैं। यह फुलप्रूफ है।''

अंपायर मेनन ने कहा, 'जब फैसले सही होते हैं तो टीमें खुश होती हैं और कोई कंट्रोवर्सी नहीं होती। फोकस केवल खिलाड़ियों और परफॉर्मेंस पर होता है, अंपायर पर नहीं। पिछले साल जब रिव्यू होता था तो हमें ब्रॉडकास्टर डायरेक्टर से बात करना पड़ती थी। अब थर्ड अंपायर और डायरेक्टर के बीच चैनल कट हो गया है। हम सीधे हॉक-आई टेक्नीशियन के पास जाती हैं, जो स्क्रीन पर तुरंत रिप्ले दिखाते हैं। इस समय की काफी बचत हो रही है।''

उन्होंने आगे कहा, ''लोग कहेंगे कि टेक्नोलॉजी आ गई है, अंपायर की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन टेक्नोलॉजी अंपायर को फैसले लेने से नहीं रोक रही है। वे निर्णय ले रहे हैं। अगर संयोगवश कभी एरर होता है तो फिर अंपायर को सही निर्णय लेने में मदद करने के लिए टेक्नोलॉजी मौजूद है। आईपीएल इनोवेशन का फ्लैग बियरर रहा है। स्मार्ट रिप्ले सिस्टम ही नहीं है बल्कि और भी कई चीजे हैं। वाइड और नो बॉल के लिए डीआरएस है, जो बीसीसीआई से पहले किसी ने ट्राई नहीं किया।''

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