Taaza Khabar 2 Hindi Review: भुवन बम के असली फैन हैं तो सीरीज देख रो पड़ेंगे आप, पढ़िए ‘ताजा खबर 2’ का रिव्यू
2 months ago | 5 Views
डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर सस्पेंस थ्रिलर वेब सीरीज ‘ताजा खबर’ का दूसरा सीजन रिलीज हुआ है। अगर आप भुवन बम के असली फैन हैं तो आप ये सीरीज देखकर इमोशनल हो जाएंगे। जावेद जाफरी ने मुंह से डायलॉग सुन ‘वाह’ कहेंगे। लेकिन पूरे छह एपिसोड देखने के बाद अपना सिर पकड़ लेंगे। क्यों? पढ़िए ‘ताजा खबर 2’ का स्पॉइलर फ्री रिव्यू।
ये है सीरीज की कहानी (स्पॉइलर फ्री)
सीजन 2 की कहानी वहीं से शुरू होती है जहां पहले सीजन की कहानी खत्म हुई थी। वसंत गावड़े (भुवन बम) के पास ताजा खबर आती है कि उद्योगपति वसंत गावड़े की हत्या हो गई है। इस खबर के आने के बाद वसंत गावड़े के फोन में ताजा खबर आना बंद हो जाती है और फिर उसकी हत्या हो जाती है। शहर का सबसे बड़ा डॉन यूसुफ (जावेद जाफरी), वसंत गावड़े की मय्यत पर पहुंचता है और उसके पार्थिव शरीर का अपमान करता है। इतना ही नहीं, वह वसंत से 1000 करोड़ रुपये भी वसूलता है, लेकिन कैसे? वसंत की तो हत्या हो गई है? ये जानने के लिए आपको डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर ‘ताजा खबर 2’ के 6 एपिसोड देखने पड़ेंगे।
भुवन बम की एक्टिंग
भुवन बम ‘ताजा खबर’ के पहले सीजन की तुलना में दूसरे सीजन में ज्यादा कॉन्फिडेंट लग रहे हैं। उन्होंने इमोशनल सीन्स में ज्यादा बेहतर काम किया है। जो लोग भुवन को जानते हैं उन्हें पता है कि भुवन रियल लाइफ में अपने माता-पिता से बहुत ज्यादा कनेक्टेड थे और कोरोना की वजह से उनके माता-पिता का निधन हो गया था। ऐसे में इस सीरीज के कुछ सीन्स आपको इमोशनल कर देंगे। आपको ऐसा लगेगा ही नहीं कि भुवन इन सीन्स में एक्टिंग कर रहे हैं। आपको लगेगा कि भुवन सच में अपने माता-पिता से ही बात कर रहे हैं।
जावेद जाफरी और अन्य किरदार
‘लोग बुरे नहीं होते, हालात बुरे होते हैं, झूठी कहावत है, लोग ही बुरे होते हैं...’, ये डायलॉग जावेद जाफरी का है। उन्होंने सीरीज में मजेदार तरीके से ये डायलॉग बोला है और कमाल की एक्टिंग की है। श्रिया पिलगांवकर, देवेन भोजानी और प्रथमेश परब ने भी ठीक-ठाक काम किया है। गौरी प्रधान तेजवानी और शिल्पा शुक्ला ने भी अच्छा काम किया है।
यहां मात खा गई सीरीज
लेखक अब्बास दलाल और हुसैन दलाल ने ‘ताजा खबर सीजन-2’ के डायलॉग्स बहुत अच्छे लिखे हैं। लेकिन, वे ‘ताजा खबर 2’ की कहानी में सस्पेंस और थ्रिल का तड़का लगाना ही भूल गए हैं। ट्रेलर में जावेद जाफरी का किरदार जितना स्ट्रॉन्ग दिखाया है, सीरीज में उनका किरदार उतना दमदार नहीं लगा। ऐसा लगा जैसे लेखक ने बिना कुछ सोचे जावेद जाफरी का किरदार इंट्रोड्यूज किया और जल्दबाजी में उस किरदार को खत्म कर दिया। महबूब भाई (देवेन भोजानी) और मधु (श्रिया पिलगांवकर) का भी किरदार फिका पड़ता दिखा।
कहानी लिखते वक्त कर दी ये बड़ी चूक
इसी सीरीज की कहानी किस्मत और चमत्कार के कॉन्सेप्ट पर बुनी गई है, लेकिन सीरीज के दूसरे सीजन की कहानी लिखते वक्त लेखक ये कॉन्सेप्ट ही भूल गए। ऐसे बहुत सारे सीन्स थे जहां वो इस कॉन्सेप्ट को बहुत अच्छी तरह बुन सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा किया नहीं। उदाहरण के तौर पर- एक सीन आता है जिसमें महबूब भाई (देवेन भोजानी), मधु (श्रिया पिलगांवकर) की तरफ इशारा करते हुए वसंत (भुवन बम) से कहते हैं कि तेरा वरदान तुझसे छीन लिया गया है क्योंकि तेरी लक्ष्मी तेरे से रूठ गई है। इस डायलॉग को सुनने के बाद ऐसा लगता है कि जब वसंत, मधु को मना लेगा तब उसकी किस्मत दोबारा चमकने लगेगी। हालांकि, ऐसा होता है नहीं है।
नेपाली गाने का इस्तेमाल
‘ताजा खबर 2’ का जब ट्रेलर आया था तब नेपाल के लोग खुश हो गए थे क्योंकि ट्रेलर में नेपाली गाना ‘पैसा’ इस्तेमाल किया गया था। ये गाना बहुत अच्छा और बहुत फेमस है, लेकिन सीरीज में इस गाने का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया गया है। अगर इस गाने का सीरीज में सही तरीके से इस्तेमाल किया जाता तो वो सीन इस सीरीज की सारी गलतियों को छुपा देता।
देखें या नहीं?
अगर आप भुवन बम के फैन हैं तो जरूर देखें। उन्होंने कमाल की एक्टिंग की है। कहीं-कहीं पर तो वह आपको रोने पर भी मजबूर कर देंगे। अगर आपने ‘ताजा खबर 1’ देखी तो आप ‘ताजा खबर 2’ देख सकते हैं।
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