ऑस्कर के लिए भेजी गई थीं ये पाकिस्तानी फिल्में, कहानियां ऐसी जो सोचने को कर देंगी मजबूर

ऑस्कर के लिए भेजी गई थीं ये पाकिस्तानी फिल्में, कहानियां ऐसी जो सोचने को कर देंगी मजबूर

1 day ago | 5 Views

बॉलीवुड, हॉलीवुड, कोरियन और साउथ इंडियन सिनेमा के अलावा पाकिस्तानी सिनेमा भी अपने आप को लगातार बेहतर बनाने की कोशिश में लगा हुआ है। बीते कुछ सालों में पाकिस्तानी सिनेमा ने दुनिया को कई कमाल की फिल्में दी हैं। इन्हें ना सिर्फ IMDb पर अच्छी रेटिंग मिली है, बल्कि क्रिटिक्स ने भी इन्हें खूब सराहा। तो चलिए जानते हैं कुछ ऐसी पाकिस्तानी फिल्मों के बारे में जिन्हें हमारे पड़ोसी मुल्क ने ऑस्कर्स में भेजा था। हालांकि इन एंट्रीज को स्वीकार नहीं किया गया लेकिन मनोरंजन और सीख की नजर से इन फिल्मों को देखा जा सकता है।

इन फ्लेम्स (In Flames)

लिस्ट में पहला नाम है साल 2023 में रिलीज हुई फिल्म 'इन फ्लेम्स' का। फिल्म की कहानी एक मां बेटी की कहानी हैं। घर के मुखिया की मौत के बाद कैसे एक मां और बेटी एक दूसरे में अपनी हिम्मत खोजने लगती हैं। कैसे उन्हें अब पुरुषवादी सोच वाली इस दुनिया में लड़ना होगा। फिल्म ना सिर्फ सीख देती है बल्कि यह इमोशनल कहानी हमें सोचने पर मजबूर कर देती है।

जिंदगी तमाशा (Circus of Life)

फिल्म का टाइटल 'जिंदगी तमाशा' है जिसे अंग्रेजी में 'सर्कस ऑफ लाइफ' नाम से रिलीज किया गया था। फिल्म को IMDb पर 7.6 मिली है और इसे भी पाकिस्तान की तरफ से ऑस्कर के लिए भेजा था। लेकिन यह फिल्म नॉमिनेशन्स तक में नहीं आ सकी।

लाल कबूतर

साल 2019 में आई फिल्म 'लाल कबूतर' भी इसी लिस्ट में शुमार है। फिल्म को IMDb पर 7.7 की रेटिंग मिली है और कमल खान के निर्देशन में बनी यह फिल्म एक लड़की की कहानी है जिसके पति की हत्या हो जाती है। वह अपने पति के कातिल को तलाश रही है लेकिन उसकी जिंदगी बदल जाती है जब वह एक कैब ड्राइवर से मिलती है जो शहर से बाहर जाने का रास्ता खोज रहा है।

सावन

थ्रिलर और ड्रामा से लबरेज फिल्म 'सावन' भी आपको देखनी चाहिए। पोलियो ग्रसित एक लड़के को उसका पिता जंगल में मरने के लिए छोड़ देता है। फिर यहां से शुरू होती है कहानी उसके अपनी मां तक पहुंचने और कई सारी चीजों के अहसास की जो आपको सोचने पर विवष कर देगी।

माह-ए-मिर

साल 2016 में रिलीज हुई इस रोमांटिक ड्रामा फिल्म को खूब तारीफें मिली थीं। पाकिस्तान की ओर से यह फिल्म ऑस्कर्स के लिए भेजी गई थी। फिल्म की कहानी एक मॉर्डन पोइट के बारे में है जिसे उर्दू की कविताएं खास पसंद नहीं। फिर एक रोज वह मीर तकी मीर की बयोग्राफी पढ़ना शुरू करता है जो उसकी जिंदगी बदल देती है।

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