Kalki 2898 Ad: अश्वत्थामा का अमर होना वरदान नहीं अभिशाप, आपको पता है कृष्ण ने क्यों दी थी ये सजा?
5 months ago | 59 Views
कल्कि 2898 फिल्म में अमिताभ बच्चन का अश्वत्थामा का रोल कर रहे हैं। उनके लुक के चर्चे हैं साथ ही दर्शकों के मन में फिल्म को लेकर उत्सुकता जाग गई है। क्लिप में अमिताभ बच्चन की झलक दिखाई गई है उसमें वह शिवलिंग की पूजा कर रहे हैं। उनके घाव दिखाए गए हैं और सिर पर मणि चमक रही है। वह खुद को द्रोणाचार्य का पुत्र अश्वत्थामा बताते हैं और कह रहे हैं कि युद्ध का समय आ गया है। क्या आपको पता है महाभारत के अश्वत्थामा की कहानी?
द्वापर युग से इंतजार कर रहे हैं अश्वत्थामा?
प्रभास की अपकमिंग कल्कि 2898 एक बार फिर से हेडलाइन्स में है। अब मूवी में अमिताभ बच्चन के रोल की झलक दिखाई गई है। फिल्म में वह अश्वत्थामा के रोल में दिखाए गए हैं जो महाभारत में द्रोणाचार्य के पुत्र थे। अमिताभ बच्चन टीजर में बोलते हैं, द्वापर युग से दशावतार का इंतजार कर रहे हैं। मान्यता है कि अश्वत्थामा आज भी जिंदा हैं। अगर आपको उनके अमर होने की कहानी नहीं पता है तो जान लें कि महाभारत कथा में अश्वत्थामा के बारे में क्या बताया गया है।
अश्वत्थामा ने भी सीखा था युद्ध कौशल
अश्वत्थामा द्रोणाचार्य और कृपि के पुत्र थे। वह योद्धा थे जिन्हें शक्तिशाली अस्त्र-शस्त्रों को चलाने का ज्ञान था। बस गुस्सैल मिजाज के थे और तुरंत आपा खो देते थे। उनकी वजह से लाखों लोगों की जानें भी गईं। द्रोणाचार्य ने पांडवों और कौरवों को युद्ध कौशल सिखाया था। अश्वत्थामा ने भी उन लोगों के साथ युद्ध की कलाएं सीख ली थीं। अश्वत्थामा को धनुष-बाण भी चलाना आता था लेकिन अर्जुन को द्रोणाचार्य ने इस कला में सबसे श्रेष्ठ बनाया था। अर्जुन को ब्रह्मास्त्र चलाना आता था जो दुनिया को नष्ट कर सकता था।
बेटे को भी सिखाया था ब्रह्मास्त्र चलाना
सबको ये पता था कि द्रोणाचार्य ने सिर्फ अर्जुन को ब्रह्मास्त्र चलाना सिखाया है लेकिन बेटे से मोह के चलते उन्होंने अश्वत्थामा को भी इसका ज्ञान दे दिया था। इसके बाद अश्वत्थामा का घमंड बढ़ गया था। कुरुक्षेत्र के युद्ध में अश्वत्थामा कौरवों की तरह थे। युद्ध के दसवें दिन भीष्म की मौत के बाद द्रोणाचार्य को युद्ध का सेनापति बना दिया गया था। द्रोणाचार्य अस्त्रों-शस्त्रों में माहिर थे। उनसे बचने के लिए कृष्ण ने पांडवों के साथ मिलकर उनको कमजोर करने का प्लान बनाया। यह तय हुआ कि भीम अश्वत्थामा नाम के हाथी को मार देंगे और यह बात फैला दी जाएगी कि अश्त्थामा मारा गया। हाथी मरने के बाद जब द्रोणाचार्य ने सुना कि अश्वत्थामा मारा गाया तो वह कमजोर पड़ गए और मारे गए। उन्हें द्रुपद के बेटे दृष्टद्युम्न ने मार दिया था।
गुस्से में भड़क गए अश्वत्थामा
जब अश्वत्थामा को पांडवों और कृष्ण की इस चाल का पता चला तो वह गुस्से में आ गए और नारायाणास्त्र चलाने का फैसला लिया, जबकि उन्हें चेतावनी दी गई थी कि इसका इस्तेमाल तब करना है जब कोई चारा न बचे। अश्वत्थामा के ऐसा करते ही आसमान से हर पांडव और सारी सेना के लिए एक-एक तीर निकल आया जिससे सब उसी वक्त खत्म हो सकते थे। कृष्ण को इसका तोड़ पता था। उन्होंने सभी सैनिकों को हथियार फेंकने को बोल दिया क्योंकि नारायणास्त्र सिर्फ उनको मार सकता था जिनके पास हथियार होते। इसका उपयोग सिर्फ एक बार ही किया जा सकता था तो नारायणास्त्र बर्बाद गया और सारे पांडव बच गए।
मिली इस बात की सजा
महाभारत का युद्ध खत्म होने लगा, कौरव हारने लगे तो अश्वत्थामा ने पांडवों को खत्म करने की योजना बनाई। उसने धृष्ट्द्युम्न की जान लेने के बादग 5 सोए हुए लोगों को पांडव समझकर मारा वे द्रौपदी के पुत्र थे। पांडवों ने सुबह ये सब देखा तो हाहाकार मच गया। इसके बाद अश्वत्थामा को खोजकर उसके साथ युद्ध किया। अश्वत्थामा ने गर्भवति उत्तरा को भी मारने की कोशिश की ताकि अर्जुन का वंश खत्म हो जाए। कृष्ण ने गुस्से में अश्वत्थामा को शाप दिया कि वह कोढ़ी होकर अमर हो जाएगा। ऐसी तड़पता रहेगा और इससे मुक्ति नहीं मिलेगी। माना जाता है कि अश्वत्थामा आज भी जिंदा है और एक अजन्मे बच्चे को मारने की कोशिश की सजा भुगत रहा है।
# Kalki 2898 AD # Prabhas # Deepika Padukone # Kamal Haasan # Disha Patani