यशस्वी जायसवाल का कैच बना दुनिया का सबसे विवादित कैच, सुनील गावस्कर बोले- टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल मत करिए
8 days ago | 5 Views
यशस्वी जायसवाल का कैच इस समय दुनिया का सबसे विवादित कैचों में शामिल हो गया है, जहां फील्ड अंपायर के फैसले को थर्ड अंपायर ने बदल दिया गया। यहां तक कि रीयल टाइम सिनिको, जिसमें चेक किया जाता है कि अगर बल्ले या बॉल का कोई संपर्क हुआ है तो उसमें एक स्पाइक आएगा...अगर नहीं आया है तो बल्लेबाज आउट नहीं होगा। सिनिको वही टेक्नोलॉजी है, जो भारत में अल्ट्राएज के नाम से जानी जाती है। हालांकि, यहां फील्ड अंपायर के नॉट आउट के फैसले को थर्ड अंपायर ने पलट दिया और कहा कि गेंद ग्लव्स से लगकर डिफ्लेक्ट हुई है। इस पर कमेंट्री करते हुए सुनील गावस्कर भड़क गए और उन्होंने साफ कहा है कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल ही मत करिए।
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के कप्तान अपनी पारी का 71वां ओवर लेकर आए। टीम इंडिया को यशस्वी जायसवाल और वॉशिंगटन सुंदर संभाल रहे थे और मैच को ड्रॉ की ओर ले जा रहे थे। हालांकि, इस ओवर की पांचवीं गेंद शॉर्ट थी, जिस पर यशस्वी ने बल्ला चलाया, लेकिन बल्ले का संपर्क नहीं हुआ। इस बीच जोरदार अपील पैट कमिंस ने की। विकेटकीपर एलेक्स कैरी ने भी साथ दिया। हालांकि, अंपायर ने अपील को नकार दिया। इसके बाद कमिंस ने सीधे रिव्यू की मांग की। इसके बाद थर्ड अंपायर खेल में आया।
थर्ड अंपायर ने कई एंगल चेक किए, लेकिन ज्यादा कुछ मिला नहीं। यहां तक कि रीयल टाइम सिनिको में भी कुछ हलचल दिखाई नहीं दी। बाद में एक एंगल से बांग्लादेश के अंपायर शराफुद्दौला ने पाया कि गेंद ग्लव्स से लगकर डिफ्लेक्ट हुई है। ऐसे में बल्लेबाज आउट हुए। थर्ड अंपायर ने फील्ड अंपायर को ये आदेश भेजा, जिससे यशस्वी खुश नहीं थे। इस बीच कमेंट्री के लिए आए भारतीय लीजेंड सुनील गावस्कर ने साफ किया कि जब आपके पास कन्क्लूसिव एविडेंस यानी पुख्ता सबूत नहीं है तो आप फील्ड अंपायर के फैसले को बदल नहीं सकते।
उन्होंने स्टार स्पोर्ट्स पर कमेंट्री करते हुए कहा, "ये ऑप्टिकल इल्यूजन हो सकता है। अगर आप टेक्नोलॉजी पर विश्वास नहीं करते तो इस तकनीकि को रखिए ही मत। अगर मैदान पर खड़े अंपायर के फैसले को थर्ड अंपायर को पलटना है तो उसके पास पुख्ता सबूत होने चाहिए।" वहीं, थर्ड अंपायर ने कहा कि मैं देख सकता हूं कि गेंद दस्तानों से टकराई है। जोएल (फील्ड अंपायर), तुम्हें अपना निर्णय बदलना होगा।" इस तरह 84 रनों की पारी खेलकर यशस्वी को पवेलियन लौटना पड़ा।
तो फिर पर्थ में नॉट आउट थे केएल राहुल?
अगल डिफ्लेक्शन के हिसाब से यशस्वी को आउट दिया गया है तो फिर पर्थ टेस्ट मैच में केएल राहुल को नॉट आउट दिया जाना चाहिए था। उस समय गेंद बल्ले और पैड का संपर्क हुआ था। हल्का सा स्पाइक सिनिको में था। उस समय पुख्ता सबूत इस बात का नहीं था कि गेंद वाकई में बल्ले से लगी है या फिर बैट का पैड से संपर्क हुआ है। गेंद उस समय बल्ले के बेहद नजदीक थी।
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