
वर्ल्ड कप 2011 फाइनल में दो बार हुआ था टॉस, जानिए किस वजह से हुआ था इतना बड़ा ब्लंडर
7 days ago | 5 Views
भारतीय क्रिकेट टीम आज ही के दिन यानी 2 अप्रैल को 2011 में दूसरी बार क्रिकेट की विश्व चैंपियन बनी थी। 28 साल के बाद भारतीय क्रिकेट टीम ने वनडे विश्व कप की ट्रॉफी उठाई थी। टीम इंडिया ने फाइनल में श्रीलंका को मात देकर खिताबी जीत हासिल की थी। इस मैच में शानदार प्रदर्शन के लिए गौतम गंभीर और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को याद किया जाता है, लेकिन इसी वर्ल्ड कप फाइनल से जुड़ा एक अटपटा और चटपटा किस्सा भी है, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। ये किस्सा है फाइनल में दो बार टॉस होने का।
आप सोच रहे होंगे कि आखिरी वर्ल्ड कप जैसे फाइनल में दो बार टॉस कैसे हो सकता है? इसका जवाब है कि भारतीय क्रिकेट टीम के फैंस...जी हां, चौंकिए मत..दरअसल, इंडिया और श्रीलंका के बीच जब फाइनल शुरू होना था तो टॉस के लिए भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा मैदान पर थे। मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम खचाखच भरा था। स्टेडियम छोटा है तो यहां फैंस की आवाज पिच तक बहुत तेज पहुंचती है। भारतीय फैंस कप्तान एमएस धोनी के लिए हूटिंग कर रहे थे।
टॉस के दौरान कमेंटेटर रवि शास्त्री ने टॉस के लिए दोनों को बुलाया। एमएस धोनी ने सिक्के को उछाला। कुमार संगकारा ने हेड्स कॉल किया। सिक्के पर हेड्स ही आया। हालांकि, मैच रेफरी जेफ क्रो ने इस कॉल को नहीं सुना, क्योंकि फैंस की आवाज बहुत ज्यादा तेज थी। ऐसे में दोनों कप्तान फिर से टॉस के लिए राजी हुए और दोबारा टॉस किया गया। रवि शास्त्री को वीडियो में भी कहते हुए सुना जा सकता है कि फिर से टॉस होगा। संगकारा ने इस बार भी हेड्स बोला और हेड ही आया। उन्होंने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी। बाद में मैच को भारत ने जीता। हालांकि, टॉस से जुड़ा ये किस्सा अपने आप में अलग है।
ईएसपीएनक्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, टॉस के रीप्ले से पता चला कि संगकारा ने पहली बार भी हेड कॉल किया था, और यह कॉल मेजबान ब्रॉडकास्टर ईएसपीएन-स्टार स्पोर्ट्स के प्रोड्यूसर्स को सुनाई दी। जब संगकारा ने कॉल किया तो उनका सिर नीचे था। हालांकि, ऐसा लगता है कि धोनी ने इसे टेल कॉल के रूप में सुना था और उन्होंने शास्त्री की ओर मुड़कर कहा, "हम बल्लेबाजी करेंगे", लेकिन ना तो शास्त्री और ना ही क्रो ने संगकारा की कॉल सुनी थी। क्रो ने शोर के कारण और शास्त्री ने इसलिए, क्योंकि वह सिक्के की ओर देख रहे थे। जब शास्त्री ने क्रो की ओर देखा, तो रेफरी ने कहा, "मैंने इसे नहीं सुना।" फिर एक संक्षिप्त बातचीत हुई और यह निर्णय लिया गया कि टॉस फिर से होना चाहिए।
वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में श्रीलंका की टीम ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी थी और बोर्ड पर 274 रन लगाए थे। इसमें महेला जयवर्धने का शतक शामिल था। इसके अलावा कुमार संगकारा ने 48 रनों की पारी खेली। भारत की ओर से 2-2 विकेट जहीर खान और युवराज सिंह को मिले थे। वहीं, 275 रनों का टारगेट भारत ने 48.2 ओवर में 4 विकेट खोकर हासिल किया था। 97 रनों की पारी गौतम गंभीर ने खेली थी। 91 रन एमएस धोनी ने बनाए थे। 35 रन विराट ने बनाए थे और युवराज 21 रन बनाकर नाबाद लौटे थे।
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# क्रिकेट # गौतमगंभीर