
सिडनी टेस्ट में टीम इंडिया का क्यों हुआ बंटाधार? विराट कोहली समेत जानिए हार के 5 बड़े कारण
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ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (बीजीटी) 3-1 से अपने नाम कर ली है। भारत ने रविवार को सीरीज का पांचवां और आखिरी टेस्ट 6 विकेट से गंवा दिया। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर खेले गए मैच में भारत ने तीसरे दिन महज 162 रनों का टारगेट दिया। जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने 27 ओवर में चार विकेट के नुकसान पर आसानी से विजयी परचम फहरा दिया। भारत ने सिडनी में एकमात्र टेस्ट जीत 1978 में हासिल की थी। चलिए, आपको बताते हैं कि सिडनी टेस्ट में इस बार टीम इंडिया का बंटाधार क्यों हुआ? भारत की हार के 5 बड़े कारण हैं।
ओपनर्स ने किया निराश
भारत ने सिडनी में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था लेकिन ओपनर्स उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। यस्वी जायसावल और केएल राहुल दोनों पारियों में भारत को अच्छी शुरुआत नहीं दिला सके। यशस्वी ने 10 और 22 जबकि राहुल ने 4 और 13 रनों का योगदान दिया। भारत की पहली पारी 185 और दूसरी 157 रनों पर सिमटी। वैसे, राहुल ने सीरीज में बतौर ओपनर काफी प्रभावित किया। वहीं, यशस्वी सीरीज में सबसे रन बनाने वाले भारतीय रहे। उन्होंने पांच टेस्ट में 391 रन बटोरे।
शुभमन वाला दांव फेल
सिडनी में नियमत कप्तान रोहित शर्मा का नहीं खेलना बहुत चर्चा में रहा। हालांकि, प्लेइंग इलेवन में रोहित के रिप्लेसमेंट के रूप में आए शुभमन गिल कुछ कमाल नहीं दिखा सके। वन डाउन आने के बाद उनके बल्ले से पहली पारी में 20 और दूसरी पारी में केवल 13 रन निकले। शुभमन वाले दांव के फेल होने से भारतीय टीम की टेंशन में तगड़ा इजाफा हुआ। गिल को बीजीटी में तीन टेस्ट खेलने का मौका मिला और उन्होंने सिर्फ 93 रन बटोरे।
कोहली के बल्ला खामोश
स्टार बल्लेबाज विराट कोहला सिडनी में भी फ्लाप रहे। उन्होंने 17 और 6 रन ही बनाए। उनके बल्ले की खामोशी ने ऑस्ट्रेलिया को हावी होने का मौका दिया। कोहली ने पर्थ में पहले टेस्ट में शतक जड़ा था लेकिन उसके बाद निरंतरता बरकरार नहीं रख सके। उन्होंने सीरीज में 23.75 की औसत से 190 रन जुटाए। यह औसत कोहली के प्रदर्शन में गिरावट को बयां करता है। वह न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में भी धमाल नहीं मचा सके थे।
जडेजा पूरी तरह से फुस्स
अनुभवी ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा सिडनी में पूरी तरह से फुस्स साबित हुए। वह ना तो गेंद से और ना ही बल्ले से कोई खास छाप छोड़ पाए। उन्होंने एक भी विकेट नहीं लिया। उन्होंने पहली पारी में 26 और दूसरी पारी मं 13 रन बनाए। भारत को तीसरे दिन जडेजा से बड़ी पारी की उम्मीद नहीं थी लेकिन वह केवल 5 रन ही जोड़ पाए। उनके आउट होने के बाद भारत की दूसरी पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर भी बेअसर रहे। उन्होंने कुल 26 रन बनाए। उन्होंने केवल एक ओवर गेंदबाजी की और कोई सफलता नहीं मिली।
बुमराह की कमी खली
भारत को तीसरे दिन चौथी पारी में धाकड़ तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की बहुत कमी की खली। वह अनफिट होने के कारण रविवार को गेंदबाजी के लिए उपलब्ध नहीं थे, जिससे ऑस्ट्रेलिया ने आसानी से टारगेट चेज कर लिया। बुमराह दूसरे दिन लंच ब्रेक के बाद पीठ में ऐंठन के कारण मैदान पर नहीं उतरे। वह अगले दिन बल्लेबाजी के लिए मगर खाता नहीं खुला। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली पारी में दो शिकार किए थे। बुमराह की पूरे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तूती बोली है। उन्होंने सीरीज में 32 विकेट चटकाए, जो सर्वाधिक हैं। उन्होंने पर्थ टेस्ट में टीम की अगुवाई की थी, जिसे भारत ने 295 रनों से जीता। रोहित की गैर मौजूदगी में बुमराह सिडनी में कार्यवाहक कप्तान थे।
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# टीम इंडिया # विराट कोहली