चेन्नई के मैदान से इतना लगाव क्यों और किसका बॉलिंग ऐक्शन कॉपी करते थे अश्विन? खोले सारे राज
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टीम इंडिया के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन बांग्लादेश के खिलाफ चेन्नई में खेले गए पहले टेस्ट मैच में प्लेयर ऑफ द मैच रहे। उन्होंने एक शतक के साथ-साथ 6 विकेट भी निकाले। वे भारत के एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में चार बार शतक जड़ा है और उसी मैच में पांच विकेट भी निकाले हैं। मैच के बाद उन्होंने बताया कि चेन्नई का मैदान उनको इतना क्यों पसंद है और वे बचपन में किस गेंदबाज के ऐक्शन को कॉपी करते थे?
मैच के बाद जियोसिनेमा पर बात करते हुए आर अश्विन ने कहा, "मैं वास्तव में इस बात पर कमेंट नहीं कर सकता कि इस टेस्ट मैच पर मेरा क्या इम्पैक्ट पड़ा है। मुझे बहुत बड़ी जिम्मेदारी लेनी थी, मैं हरभजन सिंह की जगह आया था, मैं जूनियर क्रिकेट में उनके ऐक्शन को कॉपी करता था, वह मेरे लिए प्रेरणा थे। लोग लगातार संदेह करते रहे हैं कि क्या मैं लाल गेंद से अच्छा प्रदर्शन कर सकता हूं, क्योंकि मैं आईपीएल से आया था, बहुत से लोग आए और मेरी मदद की।"
चेन्नई के स्टेडियम को लेकर अश्विन ने बताया, "एक समय यह मैदान कंक्रीट के ब्लॉकों से बना था और मेरा पहला अनुभव मैक बी स्टैंड से सचिन तेंदुलकर को देखना था। एक दिन मैं इस खास मैदान पर खेलना चाहता था। मेरा पहला आईपीएल अनुबंध यहीं दिया गया था, कुछ ऊर्जा मुझे इस मैदान की ओर खींचती है, मुझे नहीं पता कि कब तक, लेकिन मुझे यहां वापस आना अच्छा लगता है। मैं यह सोचकर नहीं जाना चाहता कि मुझे 100 रन बनाने हैं या मैं पांच विकेट लेना चाहता हूं।"
चेन्नई की इस पिच पर कैसे गेंदबाजी की? इसको लेकर अश्विन ने कहा, "गति महत्वपूर्ण थी, मैं धीमी गति से गेंदबाजी करने की सोच रहा था, यह एक ऐसी पिच है, जहां धीमी गति से गेंदबाजी करने पर रिऐक्शन होता है, लेकिन अगर आप बहुत धीमी गति से गेंदबाजी करते हैं, तो आपको बैकफुट से खेलने का समय मिलता है। मैं दबाव को स्वीकार करता हूं, मुझे दबाव में रहना बहुत पसंद है, जब मैं बल्लेबाजी करने जाता हूं तो मैं गेंदबाज की तरह सोचता हूं। अगर कोई गेंदबाज स्पेल के अंत में है, तो मैं उसे जाने देता हूं, लेकिन अन्यथा मैं शॉट खेलता हूं और दबाव को ट्रांसफर करता हूं।"
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