आईपीएल ऑक्शन में राइट टू मैच नियम क्यों है खिलाड़ियों के लिए एकमद बकवास, आर अश्विन ने खोल डाली पोल
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टीम इंडिया के सीनियर क्रिकेटर आर अश्विन का मानना है कि आईपीएल ऑक्शन में राइट टू मैच (आरटीएम) नियम से सबसे ज्यादा नुकसान खिलाड़ियों का होता है। राइट टू मैच नियम के मुताबिक अगर किसी फ्रेंचाइजी टीम का खिलाड़ी ऑक्शन में उतर रहा है, तो उसकी बोली पूरी हो जाने के बाद उस फ्रेंचाइजी टीम के पास राइट होता है कि बोली लगी हुई रकम पर वो उस खिलाड़ी को वापस अपनी टीम में लेले। अश्विन ने बताया कि क्यों यह नियम खिलाड़ियों के लिए बहुत ही ज्यादा अनफेयर है।
यूट्यूब पर इस नियम के बारे में बात करते हुए आर अश्विन ने कहा, 'किसी भी खिलाड़ी के लिए आरटीएम से ज्यादा बेकार कोई और नियम नहीं है। आरटीएम नियम अभी तक कैसा रहा है? मान लीजिए एक खिलाड़ी है X, वो इस समय एक टीम के साथ जुड़ा है, मान लीजिए, सनराइजर्स हैदराबाद के साथ। उसकी मौजूदा वैल्यू 5-6 करोड़ रुपये है। वो ऑक्शन में जाता है, मान लीजिए यहां सनराइजर्स हैदराबाद इस खिलाड़ी को वापस खरीदना चाहता है। सनराइजर्स ने उसके बेस प्राइस 2 करोड़ रुपये पर बोली लगाई।'
अश्विन ने आगे कहा, 'फिर मान लीजिए केकेआर और मुंबई इंडियंस भी उस खिलाड़ी की बोली लगाना शुरू करते हैं। बोली 6 करोड़ तक जाती है, फिर कहा जाता है कि मुंबई इंडियंस ने इस खिलाड़ी को 6 करोड़ रुपये में खरीद लिया है, तो यहां आरटीएम के जरिए सनराइजर्स हैदराबाद 6 करोड़ रुपये में खिलाड़ी को वापस अपनी फ्रेंचाइजी टीम से जोड़ लेगा। यहां सनराइजर्स हैदराबाद के अलावा कोई खुूश नहीं होगा। केकेआर और मुंबई इंडियंस को भी बुरा लगेगा। सनराइजर्स ने बोली लगने की शुरुआत में ही हिंट दे दिया, उन्हें इस खिलाड़ी में इंटरेस्ट है।'
अश्विन ने कहा, 'सनराइजर्स हैदराबाद के बोली लगाते ही अब इस खिलाड़ी की फेयर बोली नहीं लगेगी, क्योंकि बाकी टीमों को डर रहेगा कि आरटीएम के जरिए यह खिलाड़ी चला जाएगा। ये बहुत ही ज्यादा गलत है।'
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