
कोहली मदद के लिए बांगर की 'शरण' में ही क्यों पहुंचे? रणजी मैच से पहले ये चीज सुधारने पर थी नजर
2 months ago | 5 Views
संजय बांगर ने 2014 से 2019 तक विराट कोहली का एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के रूप में शानदार दौर देखा है और इसलिए जब इस स्टार बल्लेबाज ने रणजी ट्रॉफी में 12 साल बाद वापसी करने से पहले भारत के पूर्व बल्लेबाजी कोच को मदद के लिए बुलाया तो किसी को हैरानी नहीं हुई। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के सभी केंद्रीय अनुबंधित क्रिकेटरों को घरेलू क्रिकेट के लिए उपलब्ध रहने के निर्देश के बाद पिछले कुछ समय से रन बनाने के लिए जूझ रहे कोहली 30 जनवरी से रेलवे के खिलाफ दिल्ली के आखिरी लीग मैच में खेलेंगे।
ऑफ स्टंप से बाहर की गेंद पर दिक्कत
कप्तान रोहित शर्मा, यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, ऋषभ पंत और रविंद्र जडेजा ने रणजी ट्रॉफी के पिछले दौर में भाग लेकर इन निर्देशों का पालन किया। इन स्टार खिलाड़ियों में से केवल जडेजा (12 विकेट, 38 रन) और गिल (दूसरी पारी 102) ने ही अच्छा प्रदर्शन किया। कोहली का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था तथा वह नौ पारियों में 190 रन ही बना पाए जिससे टेस्ट क्रिकेट में उनके भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे थे। कोहली ने ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों पर अपना विकेट गंवाए।
2019 में खत्म हुआ बांगर का कार्यकाल
इन तकनीकी पहलुओं पर काम करने के लिए ही कोहली ने बांगर की मदद ली जो इस स्टार क्रिकेटर के पांच महत्वपूर्ण वर्षों के दौरान भारतीय टीम के बल्लेबाजी कोच रहे थे। बांगर, कोहली के खेल की अच्छी समझ रखते हैं। कोहली ने अपने 80 अंतरराष्ट्रीय शतकों में से अधिकतर शतक 2014 से 2019 के बीच लगाए जब बांगर भारतीय टीम का हिस्सा थे। बांगर का कार्यकाल समाप्त होने के बाद कोहली ने पिछले पांच वर्षों में टेस्ट क्रिकेट में केवल दो शतक लगाए हैं। बांगर का कार्यकाल वनडे विश्व कप 2019 के बाद समाप्त हो गया था और उनकी जगह विक्रम राठौड़ को बल्लेबाजी कोच नियुक्त किया गया था।
कोहली को बांगर पर क्यों इतना भरोसा?
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘‘वनडे विश्व कप 2019 के बाद जब सहायक स्टाफ के लिए कोहली की प्रतिक्रिया मांगी गई थी तो उन्होंने बांगर की खूब प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा था कि उनकी तकनीकी सलाह से इन वर्षों में उन्हें काफी फायदा हुआ।’’ बांगर राष्ट्रीय टीम में अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की टीम से जुड़ गए थे जहां कोहली की बात को काफी तवज्जो मिलती है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि कोहली का बांगर पर कितना भरोसा है। कोहली गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण रणजी ट्रॉफी के पिछले दौर में नहीं खेल पाए थे। इस बीच उन्होंने हालांकि बांगरके साथ एक विशेष अभ्यास सत्र में भाग लिया।
विराट कोहली ये चीज सुधारना चाहते थे
इस अभ्यास सत्र में बांगर को कोहली को 16 गज की दूरी से थ्रो डाउन करते हुए दिखाया गया। उन्होंने कोहली को लगातार उठती हुई गेंद पर अभ्यास कराया। कोहली बैकफुट पर अपने खेल में सुधार करना चाहते थे और इसलिए उन्होंने संजय बांगर की मदद ली। इस बीच दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) को उम्मीद है कि कोहली के खेलने के कारण इस मैच में कम से कम 10000 दर्शक पहुंच सकते हैं। दर्शकों से कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाएगा। डीडीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘रणजी मैच देखने के लिए कभी भी कोई प्रवेश शुल्क नहीं लिया गया है और यही परंपरा जारी रहेगी। केवल एक चीज यह है कि प्रशंसकों के लिए दो स्टैंड खोले जाएंगे क्योंकि हम जानते हैं कि इस मैच में विराट के खेलने से क्रिकेट प्रेमी काफी उत्साहित हैं।’’
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# विराट कोहली # शुभमन गिल # रविचंद्रन अश्विन