जय शाह के ICC चेयरमैन बनने पर कौन होगा BCCI सचिव? रेस में दिग्गज बीजेपी नेता के बेटे की हुई सरप्राइज एंट्री
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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह अगले इंटरनेशनल क्रिकेट बोर्ड (आईसीसी) चेयरमैन बन सकते हैं। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 27 अगस्त है। शाह अगर आईसीसी चेयरमैन बनते हैं तो नया बीसीसीआई सचिव कौन होगा? इस सवाल को लेकर पिछले कई दिनों से अटकलों का बाजार गर्म है। सचिव बनने की दौड़ में बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, बीसीसीआई कोषाध्यक्ष आशीष शेलार से लेकर आईपीएल चेयरमैन अरुण धूमल का नाम चर्चा में है। लेकिन अब रेस में रोहन जेटली की सरप्राइज एंट्री हुई है। रोहन बीसीसीआई सचिव बनने के सबसे बड़े दावेदार बनकर उभरे हैं।
अरुण जेटली के बेटे हैं रोहन
बता दें कि रोहन बीजेपी के दिवंगत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के बेटे हैं। वह फिलहाल दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष हैं। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, रोहन का नाम भारतीय क्रिकेट बोर्ड का सचिव बनने की रेस में सबसे आगे चल रहा है। उनके नाम पर सभी सहमत हैं। बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी सहित अन्य पदाधिकारी अपने-अपने पद पर बरकरार रहेंगे क्योंकि उनका कार्यकाल एक साल बाद पूरा होगा। इससे पहले एक रिपोर्ट में पूर्व सीएबी अध्यक्ष अविषेक डालमिया का नाम शाह की जगह लेने के लिए संभावित उम्मीदवारों के रूप में उभरा था।
जय शाह का एक साल बाकी
माना जा रहा है कि शाह को आईसीसी बोर्ड के 16 में से 15 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है लेकिन वह इस पद पर आना चाहते हैं या नहीं, यह जल्द ही क्लियर हो जाएगा। वहीं, उनके पास बीसीसीआई सचिव के रूप में लगातार दूसरे कार्यकाल में अभी एक साल बाकी है। नया आईसीसी चेयरमैन एक दिसंबर को कार्यभार संभालेगा। सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड में वापसी के लिए अनिवार्य तीन साल का ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ शाह के लिए अक्टूबर 2025 में अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद शुरू होगा।
दौड़ से बाहर हैं ग्रेग बार्कले
आईसीसी के मौजूदा चेयरमैन ग्रेग बार्कले का 30 नवंबर को कार्यकाल समाप्त हो रहा है। उन्होंने हाल ही में तीसरे कार्यकाल की दौड़ से खुद को अलग कर लिया। आईसीसी चेयरमैन दो-दो साल के तीन कार्यकाल के लिए पात्र होता है और न्यूजीलैंड के वकील बार्कले ने अब तक चार साल पूरे कर लिए हैं। आईसीसी के नियमों के अनुसार चेयरमैन के चुनाव में 16 वोट होते हैं और अब विजेता के लिए नौ मत का साधारण बहुमत (51%) आवश्यक है। इससे पहले चेयरमैन बनने के लिए निवर्तमान के पास दो-तिहाई बहुमत होना आवश्यक था।
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