सेंचुरी के बाद यशस्वी जायसवाल का KISS सेलिब्रेशन था किसके लिए? खुद उठाया राज से पर्दा
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क्रिकेट खेलने का सपना पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश से 11 साल की छोटी सी उम्र में ट्रेन पकड़कर मुंबई पहुंचे यशस्वी जायसवाल ग्राउंडस्टाफ के साथ टेंट में रहे और रात को पानीपुरी बेचकर अपना गुजारा चलाया लेकिन अर्जुन की तरह उनका लक्ष्य मछली की आंख पर ही था यानी कि भारत के लिए क्रिकेट खेलने पर। यशस्वी का मानना है कि उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए जो भी संघर्ष किया है, उसके चलते ही वह आज यहां तक पहुंच पाए हैं। यशस्वी का मानना है कि ऐसे संघर्षों ने उन्हें क्रिकेट के मैदान पर और उसके बाहर की लड़ाई के लिए पूरी तैयार कर दिया है। यशस्वी ने जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ टेस्ट में शतक लगाया, तो उनके सेलिब्रेशन को लेकर काफी चर्चा हो रही है। उन्होंने शतक लगाने के बाद बैट और हेलमेट ग्राउंड पर रखकर दोनों हाथों से फ्लाइंग किस दिया था, लेकिन यह था किसके लिए?
कारपेट बनाने के लिये मशहूर भदोही से ऑस्ट्रेलिया के पर्थ तक जायसवाल का सफर उनकी लगन और प्रतिबद्धता की कहानी कहता है। इन संघर्षों से मिले अनुभव का इस्तेमाल वह मैदान के अंदर और बाहर की हर लड़ाई जीतने के लिए कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यहां पहले टेस्ट में शानदार शतक जमाने वाले जायसवाल को विराट कोहली के बाद भारतीय बल्लेबाजी का अगला सितारा माना जा रहा है।
जायसवाल ने ऑस्ट्रेलियाई टीवी प्रेजेंटर मार्क हॉवर्ड से कहा, ‘यह ऐसी चीज है (अपनी कहानी) जो मुझे आत्मविश्वास देती है कि मैं किसी भी स्थिति से बाहर निकल सकता है। मैं हमेशा संघर्ष का सामना करने को तैयार रहता हूं। मुझे चुनौतियों का सामना करने में मजा आता है और मैं हर लड़ाई जीतना चाहता हूं।’ 22 साल के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘इससे मैं यही सीखता हूं और मुझे लगता है कि मैं खुशकिस्मत हूं कि ऐसी जिंदगी मिली जिससे मुझे खुद के बारे में सीखने का मौका और आत्मविश्वास मिला। जीवन में अलग-अलग तरह की चुनौतियों का सामना करने का हौसला मिला।’ उन्होंने कहा, ‘यह अद्भुत है और मैं जो कुछ भी कर रहा हूं , उसके लिए ईश्वर को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं वही कर रहा हूं जिससे मुझे प्यार है। मैं हर गेंद का मजा लेना चाहता हूं।’
पर्थ में पहली पारी में खाता भी नहीं खोल पाने के बाद दूसरी पारी में शतक पूरा होने के बाद अलग अंदाज में जश्न के बारे में पूछने पर जायसवाल ने कहा, ‘मैंने अलग अंदाज में शतक पूरा किया। मैं दिमाग में कुछ और सोच रहा था और अचानक कुछ और हो गया , जिसके बाद मैं सोच रहा था कि अब क्या करूं।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने फिर सोचा, चलो ठीक है। मैं इस पल का मजा लेता हूं। मैं भाग्यशाली हूं और यह अनुभव मेरे साथ हमेशा रहेगा। मैंने अपने सभी सपोर्टर्स और फैन्स को KISS दिया। मैं इसके जरिए अपना प्यार उन तक पहुंचाना चाहता था।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने वाट्सअप पर अपनी फैमिली को कॉल किया और उनके साथ भी जश्न का हिस्सा बना। मेरा भाई मुझसे हमेशा क्रिकेट के बारे में बात करता है।’ भारत ने पहला टेस्ट 295 रन से जीता जिसमें जायसवाल ने दूसरी पारी में 161 रन बनाए थे।
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