एमएस धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा में से कौन है अधिक चतुर कप्तान? अश्विन ने बताई तीनों की खासियत
2 months ago | 23 Views
टीम इंडिया के अनुभवी स्पिनर आर अश्विन ने हाल ही में एमएस धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा की कप्तानी की खासियत के बारे में बताया है। 2010 में इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले इस स्पिनर ने इन तीनों ही कप्तानों के अंडर काफी क्रिकेट खेला है। ऐसे में उन्होंने धोनी, कोहली और रोहित से काफी कुछ सीखा। अश्विन ने इन तीनों कप्तानों की खासियत बताते हुए यह भी बताया कि धोनी, कोहली और रोहित में से कौन अधिक चतुर कप्तान है।
खेल पत्रकार विमल कुमार के यूट्यूब चैनल पर एमएस धोनी को लेकर सबसे पहले अश्विन ने कहा, “खिलाड़ी के पॉइंट ऑफ व्यू से बात करूं तो मुझे धोनी की कप्तानी में एक बात बहुत पसंद आई - खिलाड़ी को मिलने वाली स्थिरता। वह जब खिलाड़ी को मौका देते हैं तो लंबा खिलाते हैं। अगर आप जड्डू (रवींद्र जडेजा) या सुरेश रैना को देखें, तो उन्होंने जड्डू को फिनिशर की भूमिका में बहुत अच्छी तरह से तैयार किया और अंत तक उसी भूमिका में खेला। इससे भारत को फायदा हुआ। जड्डू आज एक बेहतरीन ऑलराउंडर हैं। इसलिए अगर धोनी ने किसी को पहचानने के बाद उसका समर्थन किया, तो उसने स्थिरता भी प्रदान की। मुझे एमएस के बारे में यह बात वाकई पसंद है। लेकिन लोग जो कहते हैं, कि वह शांत रहता है और ऐसी ही अन्य बातें, मैं वास्तव में नहीं मानता... ईमानदारी से कहूं तो वह शांत दिखता है।”
अश्विन कोहली की कप्तानी को लेकर बोले, “विराट के बारे में, वह प्रेरणादायी हैं। वह खुद काम करके और उसे हासिल करके एक उदाहरण सेट करते हैं; वह आगे रहकर लीड करते हैं। वह टीम से जो अपेक्षा रखते हैं, उसे वह खुद करके दिखाते हैं।”
वहीं अश्विन ने धोनी और कोहली से अधिक चतुर कप्तान रोहित शर्मा को बताया। उनका मानना है कि कोहली-धोनी भी टैक्टिकली स्ट्रॉन्ग हैं, मगर रोहित उनसे अधिक है।
हिटमैन को लेकर अश्विन ने कहा, “उनके बारे में दो-तीन बातें बहुत अच्छी हैं। वह टीम के माहौल को बहुत हल्का रखते हैं और ऐसा करने का प्रयास करते हैं। वह बहुत संतुलित और टैक्टिकली मजबूत हैं - एमएस और विराट भी ऐसे ही थे। लेकिन रोहित रणनीति पर अधिक ध्यान देते हैं। अगर कोई बड़ा मैच या सीरीज आ रही है, तो वह एनालिटिक्स टीम और कोच के साथ बैठकर तैयारी करेंगे, जैसे कि बल्लेबाज की कमजोरी क्या है, गेंदबाज की योजना क्या है। यही उनकी ताकत है और वह भी अपने खिलाड़ियों का 100 प्रतिशत समर्थन करते हैं।”
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