शोएब अख्तर का रिकॉर्ड तोड़ने का दावा कर चुके उमरान मलिक से कहां हुई चूक, पूर्व गेंदबाजी कोच पारस महाम्ब्रे ने खोल दी पोल

शोएब अख्तर का रिकॉर्ड तोड़ने का दावा कर चुके उमरान मलिक से कहां हुई चूक, पूर्व गेंदबाजी कोच पारस महाम्ब्रे ने खोल दी पोल

2 months ago | 17 Views

भारतीय टीम के लिए खेल चुके उमरान मलिक ने इंटरनेशनल करियर की शानदार शुरुआत की थी लेकिन कुछ ही मैच खेलने के बाद वह भारतीय टीम के साथ-साथ आईपीएल में भी अपनी पहचान खो चुके हैं। आईपीएल 2021 में उमरान मलिक ने सनराइजर्स हैदराबाद के लिए डेब्यू किया था। उमरान मलिक ने अपनी रफ्तार की वजह से काफी सुर्खियां बटोरी थी। वह लगातार मैचों में 145 किमी/घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी करने में सक्षम थे। जून 2022 में उन्होंने भारत के लिए टी20 इंटरनेशनल डेब्यू किया। भारतीय टीम के साथ कुछ मैच खेलने के बाद वह अपनी जगह खो बैठे। उसके बाद आईपीएल 2024 में उनकी टीम ने प्लेइंग इलेवन में ज्यादा जगह नहीं दी। जिससे उनके करियर पर संकट के बादल छाए हुए हैं। भारत के पूर्व गेंदबाजी कोच पारस महाम्ब्रे ने उमरान मलिक के टीम से बाहर होने की वजह बताई है। उनका मानना है कि गेंदबाजी के दौरान नियंत्रण नहीं होना, उनके टीम से बाहर होने का मुख्य कारण है। 

पारस महाम्ब्रे ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ''मुझे लगता है कि प्रतिभा को बनाना जरूरी है। तेज गति वाला खिलाड़ी दुर्लभ होता है और आप उसमें संभावनाएं देखते हैं। जब उन्होंने 145-148 किमी/घंटा की स्पीड से गेंदबाजी करते दिखे, मैं उनमें से नहीं हूं जोकि स्पीड गन पर 160 किमी/घंटा देखने से प्रभावित हो जाए। मुझे नहीं लगता ये सही है। आपको पता है कि तेज रफ्तार उसकी स्ट्रैंथ थी। वह निश्चित रूप से तेज था और 140 से ज्यादा की रफ्तार से गेंदबाजी कर रहा था। लगातार उस गति से गेंदबाजी करना अच्छा है और उन्होंने ऐसा किया भी है। लेकिन वह ऐसा कैसे करते हैं? टी20 में अगर आप नियंत्रण नहीं रख पाते हैं, तो आपको संघर्ष करना पड़ता है। एक बार जब आप ऐसा करते हैं, तो आप कप्तान का विश्वास खो देते हैं।''

उमरान मलिक ने अपने करियर के शुरुआती मैचों के दौरान दावा किया था कि अगर वह फिट रहते हैं तो वह शोएब का सबसे तेज गेंदबाज फेंकने का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। शोएब अख्तर के नाम सबसे तेज गेंद (161.3 किमी/घंटा) फेंकने का रिकॉर्ड दर्ज है। 

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पारस महाम्ब्रे ने उमरान मलिक को रणजी ट्रॉफी में खेलने की सलाह दी है। जिससे वह अपनी लाइन और लेंथ पर कंट्रोल पा सके। उन्होंने आगे कहा, ''इसलिए, किसी को नियंत्रण हासिल करना होगा और यह तभी संभव होगा जब वह रणजी ट्रॉफी खेलेगा। इसलिए हम उसे रणजी ट्रॉफी के लिए कह रहे हैं। क्योंकि जब वह एक सीजन खेलेगा, दबाव में भी, वह अपने स्किल का प्रदर्शन करने में सक्षम होगा।'' 

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इससे पहले फरवरी में अजित आगरकर की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने पांच तेज गेंदबाजों को भी अलग से अनुबंध देने की सिफारिश की थी। इनमें आकाश दीप, विजयकुमार विशाक, उमरान मलिक, यश दयाल और विदवथ कावेरप्पा शामिल हैं। 

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