जब भी मैं उनके के साथ...रोहित शर्मा की इस खूबी पर फिदा हैं यशस्वी जायसवाल, 12 महीनों में बहुत बदल गई सोच

जब भी मैं उनके के साथ...रोहित शर्मा की इस खूबी पर फिदा हैं यशस्वी जायसवाल, 12 महीनों में बहुत बदल गई सोच

14 days ago | 6 Views

यशस्वी जायसवाल को लगता है कि टेस्ट करियर में नई ऊंचाइयों को छूने की उनकी उम्मीदें कप्तान रोहित शर्मा के साथ बल्लेबाजी पर टिकी हैं और उन्होंने इस अनुभव को बेहद शिक्षाप्रद बताया। पिछले साल वेस्टइंडीज के खिलाफ पदार्पण करने वाले जायसवाल ने रोहित के साथ नौ टेस्ट मैच खेले हैं और अपने कप्तान के साथ शीर्ष क्रम में सफल जोड़ी बना चुके हैं तथा कई शतकीय साझेदारियां कर चुके हैं।

'उनसे सीखने के लिए बहुत कुछ है'

बुधवार को दलीप ट्रॉफी की पूर्व संध्या पर जायसवाल ने कहा, ''जब भी मैं उनके साथ बल्लेबाजी करने जाता हूं तो यह अविश्वसनीय अनुभव होता है। उन्होंने अपने अनुभव मेरे साथ साझा करते हैं। मुझे लगता है कि जिस तरह से वह खेल को नियंत्रित करते हैं और विकेट को समझते हैं, वह बिलकुल सटीक होता है और उनसे सीखने के लिए बहुत कुछ है।'' उन्होंने कहा, ''आप उनसे तेज गेंदबाजी या स्पिन के अनुकूल विकेट के हिसाब से अपनी बल्लेबाजी में बदलाव करने या एक या दो विकेट गिरने पर अपनी बल्लेबाजी बदलने जैसी चीजें सीख सकते हैं।''

'घरेलू क्रिकेट में कई चीजों पता नहीं थीं'

शीर्ष स्तर के क्रिकेट में एक साल पूरा करने वाले जायसवाल ने कहा कि पिछले 12 महीनों में वह अपने खेल के बारे में काफी जागरूक हो गए हैं। उन्होंने कहा, ''अब मैं बहुत सारे परिदृश्य देख सकता हूं और टीम के लिए अपने खेल को बदल सकता हूं और परिस्थितियों को पढ़ सकता हूं। मुझे लगता है कि पिछले एक साल में ये मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा है। जब मैं घरेलू क्रिकेट खेल रहा था तो मुझे कई चीजों के बारे में पता नहीं था।''

जायसवाल ने कहा, ''लेकिन जब से मैंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना शुरू किया है, संवाद और खेल को पढ़ने की समझ में बहुत सुधार हुआ है। मैं बस सीखना जारी रखना चाहता हूं।'' इस 22 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि नए मुख्य कोच गौतम गंभीर खिलाड़ियों का पूरा समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि इससे खिलाड़ियों को अपना स्वाभाविक खेल दिखाने में मदद मिलती है।

'बस मैदान में जाओ और खुलकर खेलो'

उन्होंने कहा, ''हां, मैंने श्रीलंका सीरीज के दौरान उनसे बात की थी। उन्होंने वास्तव में हमारा समर्थन करते हुए कहा कि बस मैदान में जाओ और खुलकर खेलो और खेल का आनंद लो और हम तुम्हारे साथ रहेंगे। इससे हमें बहुत आत्मविश्वास मिलता है और हमें निडर होकर खेलने में मदद मिलती है।'' बाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा कि वह बांग्लादेश के खिलाफ आगामी दो मैचों की सीरीज से पहले अपने कौशल को निखारने के लिए दलीप ट्रॉफी का इस्तेमाल एक ट्रेनिंग मंच के रूप में करना चाहते हैं।

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