गांगुली-द्रविड़ के साथ खेल चुके इस पूर्व क्रिकेटर का सालों बाद छलका दर्द, बोले- मैं बदनाम हो गया

गांगुली-द्रविड़ के साथ खेल चुके इस पूर्व क्रिकेटर का सालों बाद छलका दर्द, बोले- मैं बदनाम हो गया

22 days ago | 13 Views

1999 में भारत में पेप्सी कप खेला गया था। इस ट्रायंगुलर सीरीज में भारत के अलावा पाकिस्तान और श्रीलंका ने हिस्सा लिया था। भारत और पाकिस्तान के बीच फाइनल मैच खेला गया था, जहां भारत को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। इस सीरीज में भारत और पाकिस्तान के बीच कुल तीन मैच खेले गए थे और सभी मैचों में भारत को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था, जिसमें फाइनल मैच भी शामिल था। इस सीरीज में पाकिस्तान के खिलाफ हुए दो लीग मैचों में ज्ञानेंद्र पांडे भारत के प्लेइंग XI का हिस्सा थे। इसके अलावा सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, अजीत अगारकर, अनिल कुंबले, जवागल श्रीनाथ, मोहम्मद अजहरुद्दीन और अजय जडेजा जैसे जाने-माने नाम इस सीरीज का हिस्सा थे। ज्ञानेंद्र पांडे ने अपने करियर में महज दो ही वनडे इंटरनेशनल मैच खेले हैं और दोनों पाकिस्तान के खिलाफ इसी ट्रायंगुलर सीरीज में। लेफ्ट आर्म स्पिनर और थोड़ी बहुत बैटिंग कर लेने वाले ज्ञानेंद्र पांडे अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में पीआर एजेंट के तौर पर काम करते हैं।

दुर्भाग्य से ज्ञानेंद्र का इंटरनेशनल करियर ज्यादा लंबा नहीं चल सका। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन के बावजूद वह इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी छाप नहीं छोड़ पाए। लल्लनटॉप को दिए गए इंटरव्यू में ज्ञानेंद्र पांडे ने कहा, ‘1997 में मैंने डोमेस्टिक क्रिकेट में बढ़िया प्रदर्शन किया था। दलीप ट्रॉफी फाइनल में मैंने 44 रन बनाए थे और तीन विकेट भी चटकाए थे। इसके अलावा देवधर ट्रॉफी में भी मेरा प्रदर्शन शानदार रहा था। नॉर्थ जोन में विक्रम राठौर, वीरेंद्र सहवाग, नवजोत सिंह सिद्धू थे। मैंने पांच विकेट लिए थे और नॉटआउट 23 रन बनाए थे। वेस्ट जोन के खिलाफ मैंने नॉटआउट 89 रन बनाए थे, ईस्ट जोन के खिलाफ दो-तीन विकेट लिए थे और साउथ जोन के खिलाफ मैंने 28 या 30 रन बनाए थे और दो-तीन विकेट भी चटकाए थे। चैलेंजर ट्रॉफी में मैंने रॉबिन सिंह और अमय खुरसिया का विकेट चटकाया था। इंडिया ए के लिए मैंने 26 रन देकर दो विकेट लिए थे और तब मुझे भारतीय टीम में जगह मिली। यह 1999 की बात है।’

1999 में ही न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी ज्ञानेंद्र पांडे को जगह मिल सकती थी, लेकिन तब के बीसीसीआई सेक्रेटरी जयंत लेले ने उनके सिलेक्शन में रोड़े अटकाए थे। लल्लनटॉप एंकर ने कहा कि उस समय जयंत लेले ने कहा था कि अगर अनिल कुंबले को ब्रेक चाहिए तो सुनील जोशी को क्यों ना टीम में जगह मिले। इस पर ज्ञानेंद्र ने कहा, ‘मिस्टर लेले को सोचना चाहिए था कि वो क्या कह रहे हैं। उन्हें मेरी परफॉर्मेंस देखनी चाहिए थी। वो एक अंपायर भी थे, मैं समझ गया कि यह मेरी गलती थी, मुझे उस समय ट्रिक्स नहीं पता थीं, तो मुझे नहीं पता था कि चीजें कैसे काम करती हैं। मैं इस बात को हैंडल नहीं कर पाया और मैं बदनाम हो गया। इसके बाद मीडिया ने भी मेरी साइड की स्टोरी नहीं छापी, मुझसे कोई कुछ पूछने ही नहीं आया।’

ये भी पढ़ें: IPL 2025: ये हैं वह 5 कारण, जिसके चलते रविंद्र जडेजा को रिलीज कर सकती है CSK

#     

trending

View More