हार्दिक पांड्या के लिए मुश्किल है वनडे टीम की राह, चैंपियंस ट्रॉफी में जगह बनाने के लिए बॉलिंग पर करना होगा काम
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हार्दिक पांड्या के लिए पिछले कुछ महीने उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। पिछले साल वनडे विश्व कप के दौरान चोटिल हुए हार्दिक पांड्या लंबे समय बाद वापसी करने में कामयाब हुए थे। इससे पहले उन्हें 2018 में हुए एशिया कप के दौरान चोट लगी थी, जिसके कारण वह काफी समय तक क्रिकेट से दूर रहे। फिटनेस की समस्या के कारण ही हार्दिक पांड्या को भारत की कप्तानी गंवानी पड़ी है। उनकी जगह चयनकर्ताओं ने टी20 टीम के लिए सूर्यकुमार यादव को कप्तान चुना है। हालांकि वनडे टीम में उनकी जगह को लेकर भी संशय बरकरार है। खेल के सबसे छोटे प्रारूप में हार्दिक गेंदबाजी करने के सक्षम हैं लेकिन वापसी के बाद उन्होंने वनडे नहीं खेला है, ऐसे में बीसीसीआई विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान उनकी बॉलिंग पर नजर रखेगा।
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक हार्दिक के पिछले चोट की गंभीर स्थिति को देखते हुए बीसीसीआई विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान उन पर नजर रखेगा और उसके बाद भारत की चैंपियंस ट्रॉफी 2025 टीम में उनकी जगह पर कोई फैसला लेगा। पाकिस्तान में होने वाले इस टूर्नामेंट से पहले भारत सिर्फ 6 वनडे मैच खेलेगा, जिसके लिए भारतीय चयनकर्ता अभी से तैयारी कर रहे हैं।
हार्दिक पांड्या ने श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज से निजी कारणों की वजह से ब्रेक मांगा है, जिसका मतलब है कि हार्दिक के पास वनडे टीम में जगह बनाने के लिए सिर्फ तीन मैच बचेंगे। भारत इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज खेलेगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने बीसीसीआई के एक सूत्र के हवाले से कहा, ''हालांकि चोट से वापसी के बाद उन्होंने टी-20 क्रिकेट में सिर्फ चार ओवर गेंदबाजी करके असाधारण प्रदर्शन किया है। लेकिन बड़े प्रारूप में उनका टेस्ट नहीं हुआ है। उनके सहनशक्ति पर नजर रखने की जरूरत है। चयनकर्ता इस बात पर नजर रखेंगे कि साल के अंत में विजय हजारे ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन कैसा रहता है।''
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