भारतीय बल्लेबाजों का घमंड हुआ चकनाचूर, श्रीलंका के खिलाफ 1997 के बाद पहली बार सीरीज हारने की क्या रही वजहें ?

भारतीय बल्लेबाजों का घमंड हुआ चकनाचूर, श्रीलंका के खिलाफ 1997 के बाद पहली बार सीरीज हारने की क्या रही वजहें ?

1 month ago | 13 Views

श्रीलंका दौरे पर भारतीय टीम ने सूर्यकुमार यादव के नेतृत्व में टी20 सीरीज 3-0 से जीती थी और वनडे सीरीज में भी भारतीय टीम से कुछ इसी तरह से प्रदर्शन की उम्मीद थी लेकिन वनडे सीरीज खत्म होने के बाद नजीते इसके उलट आए हैं। श्रीलंका ने भारत को तीन मैचों की वनडे सीरीज में 2-0 से हरा दिया है। वनडे सीरीज में भारतीय टीम के पास ज्यादातर अनुभवी खिलाड़ी मौजूद थे और श्रीलंका की तुलना में भारतीय टीम ज्यादा मजबूत थी। लेकिन इसके बावजूद श्रीलंका ने भारत को तीनों ही मैचों में कांटे की टक्कर दी और दो मैच अपने नाम किए। भारत की हार के पीछे सबसे बड़ा कारण खिलाड़ियों का एकजुट होकर प्रदर्शन नहीं करना है, खासकर बल्लेबाज का। भारतीय बल्लेबाज श्रीलंकाई स्पिनरों के खिलाफ संघर्ष करते हुए नजर और कई बल्लेबाजों को तो उनके खिलाफ एक गेंद खेलने में पसीने छूट रहे थे। यहां हम आपको टीम इंडिया के सीरीज हारने के कारणों के बारे में बताने जा रहा है।

स्पिनर्स के खिलाफ घुटने टेके
श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है जब एक सीरीज में स्पिनरों ने विपक्षी टीम के सबसे ज्यादा विकेट चटकाए हो। भारत ने इस सीरीज में 27 विकेट स्पिनरों के खिलाफ गंवाए, जोकि किसी भी द्विपक्षीय वनडे सीरीज में किसी भी टीम द्वारा गंवाए गए सर्वाधिक विकेट हैं। तीनों मैचों में कप्तान रोहित शर्मा के अलावा ज्यादा खिलाड़ी रन बनाने के लिए संघर्ष करते हुए नजर आए। भारतीय टीम स्पिनर्स के खिलाफ काफी मजबूत मानी जाती रही है हालांकि पिछले कुछ सालों में तेज गेंदबाजों की तुलना में स्पिनर्स ने भारतीय बल्लेबाजों को काफी परेशान किया है। श्रीलंका की ओर से स्पिनर जैफ्री वैंडर्से ने 8, दुनिथ वेल्लालागे ने सात और चरिथ असलंका ने 6 विकेट चटकाए। 

सीनियर खिलाड़ियों ने नहीं दिखाया दम
भारतीय टीम श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज में एक मजबूत टीम के साथ खेलने उतरी थी। हालांकि खिलाड़ी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके। बल्लेबाजी में रोहित के अलावा अक्षर पटेल ने थोड़ा दम दिखाया। अन्य बल्लेबाज स्पिनर्स के खिलाफ टिके रहने के लिए संघर्ष करते हुए नजर आए। तीन मैचों में विराट कोहली ने 58, शुभमन गिल ने 57, सुंदर 50 और श्रेयस अय्यर 38 रन ही बना सके। वहीं गेंदबाजी में भी टीम का ऐसा ही हाल रहा। तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज सिर्फ तीन विकेट ले सके। भारत के लिए वॉशिंगटन सुंदर ने सबसे ज्यादा पांच विकेट चटकाए।

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तीनों मैचों में लक्ष्य का पीछा करने में चूकी
भारतीय टीम को श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज के तीनों मैचों में लक्ष्य का पीछा करना था लेकिन तीनों ही मैच में टीम का प्रदर्शन नीचे ही गिरता नजर आया। पहले मैच में टीम को सिर्फ 230 रन चाहिए थे लेकिन टीम 47.5 ओवर में 230 रन ही बना सकी और ये मैच टाई रहा। दूसरे मैच में भी श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 241 रनों का लक्ष्य रखा लेकिन भारतीय टीम 42.2 ओवर में 208 के स्कोर पर सिमट गई। तीसरे मैच में भारत का प्रदर्शन और खराब हो गया। श्रीलंका ने 50 ओवर में 248 रन बनाए। इसके जवाब में भारत 26.1 ओवर में 138 रन ही बना सकी। भारतीय टीम 1997 में पिछली बार श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज हारी थी। इसके बाद 11 सीरीज दोनों के बीच खेली गई थी, जिसमें भारत ने बाजी मारी थी। 

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