भारत की टेस्ट टीम का 'भविष्य' गेंदबाजी में अच्छा नहीं, लेकिन बल्लेबाजों की है भरमार
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बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में आसानी से घुटने टेकने के बाद भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन सवालों के घेरे में है। टीम के बेंच स्ट्रेंथ को देखें तो बल्लेबाजी में तो निकट भविष्य के लिए दमदार विकल्प हैं, लेकिन गेंदबाजी ज्यादा चिंताजनक नजर आ रही है। बल्ले से खराब प्रदर्शन के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और दिग्गज विराट कोहली का टेस्ट भविष्य अधर में लटक गया है। नेशनल सिलेक्शन कमिटी के पास इन दोनों की जगह लेने के लिए कुछ अच्छे विकल्प मौजूद हैं, लेकिन गेंदबाजी में कोई अच्छा बैकअप ऑप्शन नजर नहीं आता।
गेंदबाजी की बात करें तो बदलाव के दौर से गुजर रही टीम की स्थिति ज्यादा उत्साहजनक नहीं दिख रही। टीम को जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और इशांत शर्मा जैसी गेंदबाजों को तैयार करने में काफी समय लग सकता है। मौजूदा तेज गेंदबाज अपना बेस्ट देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनका प्रदर्शन कहीं से भी बुमराह, शमी और ईशांत के करीब नहीं है। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बुमराह को दूसरे छोर से साथ नहीं मिला, जिससे उनका वर्कलोड काफी बढ़ गया और उनको फिर से पीठ में चोट लग गई, जिससे वे निर्णायक पांचवें टेस्ट की दूसरी पारी में गेंदबाजी भी नहीं कर सके।
मोहम्मद सिराज 36 टेस्ट खेलने के बाद भी मैच का रुख बदलने वाले गेंदबाज नहीं बन पाए हैं। प्रसिद्ध कृष्णा के पास अच्छी गति है, लेकिन वह लगातार सही लाइन-लेंथ पर गेंदबाजी करने में विफल रहते हैं। आकाश दीप और मुकेश कुमार के पास कौशल है, लेकिन खेल के शीर्ष स्तर पर खुद को साबित करने का उन्हें अभी पर्याप्त मौके नहीं मिले हैं। जो मौके मिले हैं, उनमें वे बेहतरीन प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं।
रणजी सर्किट में भी देखें तो चयनकर्ताओं के पास इस मामले में अच्छे विकल्पों की कमी है। सबसे बड़ी समस्या बाएं हाथ के तेज गेंदबाज की है। अर्शदीप सिंह सीमित ओवरों को खुद को साबित कर चुके हैं, लेकिन लाल गेंद से उतने प्रभावी नहीं रहे हैं। यश दयाल और खलील अहमद भी विश्वास हासिल करने वाला प्रदर्शन करने में अब तक नाकाम रहे हैं। टी नटराजन अच्छा विकल्प थे, लेकिन उनको चोटों के कारण काफी समय तक खेल से दूर रहना पड़ता है।
बात जब बल्लेबाजी की आती है तो इसमें कुछ अच्छे विकल्प मौजूद हैं। अजीत अगरकर की अगुवाई वाली चयन समिति फिलहाल के लिए रणजी ट्रॉफी सत्र के अंत तक कुछ भी तय करने पर विचार नहीं करेगी। चयन समिति अगर रोहित और कोहली से टीम से बाहर करने का फैसला करती है या दोनों संन्यास की घोषणा करते हैं तो टीम में इन दो स्थानों के लिए दावेदारी करने वाले कम से कम छह बल्लेबाज तैयार हैं।
इनमें सबसे प्रमुख दावेदार तमिलनाडु के बी साई सुदर्शन हो सकते हैं। बाएं हाथ के इस कलात्मक बल्लेबाज ने मैके में ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ भारत ए के लिए खेलते हुए प्रभावित किया था। हालांकि, स्पोर्ट्स हर्निया के ऑपरेशन के कारण रिहैबिलिटेशन से गुजर रहे हैं। टीम में बाएं हाथ के एक और विकल्प देवदत्त पडिक्कल हैं। पडिक्कल को कुछ टेस्ट मैच खेलने का अनुभव है, लेकिन वे उच्च स्तर पर प्रभावी नजर नहीं आए।
अभिमन्यु ईश्वरन तीन साल से टीम में हैं, लेकिन भारतीय क्रिकेट जगत में यह धारणा है कि वह एसईएनए (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) देशों में बड़ी चुनौतियों के लिए तैयार नहीं हैं। इसका प्रमाण हालिया सीरीज में देखने को मिला, जब टीम के साथ होने के बाद भी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान अंतिम एकादश के लिए कभी भी उनका दावा मजबूत नहीं समझा गया। यहां तक कि बाहर से अंदर आए देवदत्त पडिक्कल पर्थ टेस्ट मैच में खेल गए।
सरफराज खान की तेज गेंदबाजों के खिलाफ कमजोरी जगजाहिर है। न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट में पुणे और मुंबई में जिस तरह से वह आउट हुए, उसने मौजूदा टीम प्रबंधन की चिंताओं को बढ़ा दिया। टेस्ट टीम में जगह के लिए जो तीन नाम सबसे बड़े दावेदार हैं, उनमें चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान रुतुराज गायकवाड़, तीन टेस्ट का अनुभव रखने वाले रजत पाटीदार और मुंबई के बल्लेबाज श्रेयस अय्यर का नाम शामिल है।
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