मयंक यादव को क्या बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए टीम में चुना जाना चाहिए? पूर्व तेज गेंदबाज ने दिया सबसे सटीक जवाब

मयंक यादव को क्या बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए टीम में चुना जाना चाहिए? पूर्व तेज गेंदबाज ने दिया सबसे सटीक जवाब

1 month ago | 5 Views

बाएं हाथ के पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह ने मयंक यादव को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। क्या मयंक यादव को ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में खेलना चाहिए? इसको लेकर आरपी सिंह का मानना है कि मयंक यादव को टेस्ट क्रिकेट में लाने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि कि वह अपने करियर के शुरुआती दौर में है। वह कुछ ही प्रोफेशनल मैच अभी तक खेले हैं और इतनी जल्दी उनको अगर टेस्ट क्रिकेट में लाया जाएगा तो उनको फिटनेस के नजरिए से मुश्किल हो सकती है।

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अपनी 156.7 Kmph की गति से सभी को प्रभावित करने वाले मयंक ने ग्वालियर में बांग्लादेश के खिलाफ पहले टी20 मैच में भारत के लिए डेब्यू किया और शानदार गेंदबाजी की। मयंक ने अभी तक सिर्फ एक प्रथम श्रेणी मैच खेला है, लेकिन उनके स्पेशल टैलेंट को देखते हुए उन्हें नेशनल टीम में शामिल कर लिया गया है। आरपी सिंह मयंक की पेस और कंट्रोल से प्रभावित हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि ऐसे गेंदबाज के लिए ऑस्ट्रेलिया में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का हिस्सा बनना जल्दबाजी होगी।

आरपी सिंह ने जियोसिनेमा द्वारा बातचीत में कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए आकाश दीप को तेज गेंदबाजी आक्रमण में होना चाहिए। उनकी गेंदबाजी करने का तरीका बेहतर लगता है। मयंक यादव के पास गति है, जो तेज गेंदबाजी का एक पहलू है। ऐसी कई विविधताएं और कौशल हैं, जो धीरे-धीरे विकसित होते हैं। मयंक अपने करियर के शुरुआती चरण में है। टेस्ट मैच में बहुत ज्यादा वर्कलोड होता है। आपके धैर्य और कौशल की परीक्षा होती है।’’

बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने आगे कहा, ‘‘मयंक ने अभी उतनी घरेलू क्रिकेट नहीं खेली है, जितनी आकाश दीप या मोहम्मद शमी ने (भारतीय टीम में शामिल होने से पहले) खेली थी। मयंक को अभी भी उस स्तर में आना बाकी है। आकाश दीप एक बेहतर विकल्प हैं।’’ भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने हाल ही में मयंक के वर्कलोड को मैनेज करने को लेकर बात की थी। आरपी सिंह से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वर्कलोड मैनेजमेंट गेंदबाजी में नहीं, बल्कि जिम सेशन्स में होना चाहिए।

उन्होंने वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर कहा, ‘‘लोग काम के बोझ के बारे में बहुत बात करते हैं कि उन्हें कम गेंदबाजी करनी चाहिए, लेकिन मेरी राय है कि जिम (सेशन्स) कम होना चाहिए।’’ उन्होंने मयंक को लेकर कहा, ‘‘गति वास्तव में महत्वपूर्ण है, लेकिन उसके स्किल्स में सुधार होते रहना चाहिए। उसे एनसीए और बीसीसीआई के अन्य कोचों की मदद से खुद को और बेहतर करना होगा।’’

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