4 महीने से नहीं मिली है सैलरी, फिर भी T20 वर्ल्ड कप 2024 खेलने उतरी पाकिस्तान की टीम
1 month ago | 5 Views
पाकिस्तान की महिला क्रिकेट टीम ने गुरुवार 3 अक्टूबर को अपने टी20 विश्व कप 2024 अभियान की शुरुआत की। श्रीलंका के खिलाफ पाकिस्तान की टीम अपना पहला मुकाबला खेल रही है, लेकिन टीम पूरे मन के साथ मैदान पर नहीं उतरेगी। इसके पीछे की वजह बहुत ही ज्यादा शर्मनाक है। दरअसल, पाकिस्तान की महिला टीम को पिछले चार महीने से सैलरी नहीं मिली है। खिलाड़ियों का बोर्ड के साथ वर्तमान में 23 महीने का अनुबंध है, जो 1 अगस्त 2023 से शुरू हुआ था, लेकिन उन्हें जून 2024 से भुगतान नहीं किया गया है। जो अनुबंध 30 जून 2025 तक चलने वाले थे, उनका मूल्यांकन 12 महीने की अवधि के अंत में किया जाना था। यह अभी भी बकाया है और अभी तक किसी भी बदलाव की घोषणा नहीं की गई है।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानी पीसीबी ने क्रिकबज को बताया, "यह वर्क इन प्रोग्रेस है। जैसे ही सूचियां अंतिम रूप ले लेंगी और स्वीकृत हो जाएंगी, 1 जुलाई 2024 से अनुबंधों की पेशकश की जाएगी।" वहीं, पीसीबी के एक अधिकारी ने बताया, "अभी बहुत कुछ चल रहा है और सभी मामलों को संबोधित करने के लिए समय की कमी है।" पीसीबी की नीति के अनुसार, अगर पुरुष या महिला खिलाड़ियों को ट्रेनिंग कैंप के दौरान रहना और तीन टाइम का भोजन मिलता है तो फिर डेली अलाउंस नहीं दिया जाता। ये सुविधाएं महिला टीम को मुल्तान में अपने ट्रेनिंग कैंप के दौरान नहीं मिली।
इस स्थिति में पीसीबी को डीए देना चाहिए, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज से पहले जो कैंप मुल्तान में लगा था, उसका भत्ता नहीं मिला। हालांकि, कैंप में सपोर्टिंग स्टाफ को इसके लिए भत्ता मिला था। पाकिस्तान की पुरुष टीम को भी पिछले चार महीनों से वेतन मिलने में देरी हो रही है। हालांकि, यह समझा जाता है कि पुरुष टीम और महिला टीम के वेतन में देरी के कारण अलग-अलग हैं। पाकिस्तान की महिला क्रिकेटरों की ओर से सैलरी को लेकर कोई आवाज नहीं उठाई गई है, लेकिन अगर इस तरह का बर्ताव होता है तो फिर जाहिर तौर पर खिलाड़ी बेमन से मैदान में उतरते होंगे।
वेतन में असमानता
पाकिस्तान की महिला क्रिकेटरों को ही सबसे कम वेतन मिलता है, जो फुल मेंबर्स नेशन्स का हिस्सा हैं। यहां तक कि पाकिस्तान दुनिया का चौथा सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है। इंडिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के पुरुष और महिला क्रिकेटरों की मैच फीस में वेतन की समानता है। साउथ अफ्रीका और वेस्टइंडीज भी जल्द इस लिस्ट में शामिल होने वाले हैं। हालांकि, पाकिस्तान के साथ ऐसा नहीं है। इसके पीछे कारण ये भी है कि पाकिस्तान में कोई प्लेयर्स एसोसिएशन नहीं है, जो उनके अधिकारों के लिए लड़े।
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