रोहित शर्मा या एमएस धोनी, कौन है भारत का बेस्ट कप्तान? हरभजन सिंह ने छेड़ी बहस
1 month ago | 5 Views
भारत का बेस्ट कप्तान कौन है? क्रिकेट के गलियारों में यह मुद्दा हर समय चर्चा का विषय रहता है। कोई कपिल देव को इस लिस्ट में सबसे ऊपर रखता है क्योंकि उन्होंने टीम इंडिया को पहला वर्ल्ड कप जीताया था। वहीं कोई सौरव गांगुली को बेस्ट कप्तान बताता है क्योंकि उन्होंने युवा खिलाड़ियों के साथ टीम को विदेशी सरजमीं पर जीतना सिखाया था। हालांकि, इन सबसे ऊपर एमएस धोनी हैं जिन्होंने भारत को खिताब जीताने के साथ विदेशी सरजमीं पर भी कई सीरीज जीताई है। धोनी भारत के एकमात्र ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने टी20 वर्ल्ड कप, वनडे वर्ल्ड कप के साथ चैंपियंस ट्रॉफी के रूप में तीन-तीन आईसीसी खिताब जीते हैं।
वहीं अब रोहित शर्मा भी अब भारत के सबसे सफल कप्तानों की लिस्ट में अपना नाम दर्ज करा रहे हैं। हिटमैन की अगुवाई में टीम इंडिया ने आईसीसी ट्रॉफी का 11 साल का सूखा खत्म कर टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब जीता था।
अब कई बार रोहित शर्मा की तुलना एमएस धोनी से होने लगती है। जब रोहित वर्सेस धोनी का सवाल टीम इंडिया के पूर्व लीजेंड्री स्पिनर हरभजन सिंह से पूछा गया तो उन्होंने धोनी से ऊपर रोहित को चुना। इसके पीछे उन्होंने वजह भी बताई।
हरभजन सिंह ने स्पोर्ट्स यारी से बात करते हुए कहा, "मैं धोनी के ऊपर रोहित को चुनूंगा क्योंकि रोहित लोगों के कप्तान हैं। वह लोगों के पास जाते हैं और उनसे पूछते हैं कि उन्हें क्या चाहिए। उनके साथी खिलाड़ी उनसे बहुत अच्छी तरह से कनेक्ट करते हैं। लेकिन धोनी का अंदाज अलग था।"
उन्होंने आगे कहा, “वह किसी से बात नहीं करते थे। वह अपनी चुप्पी के जरिए अपने विचार व्यक्त करना चाहते थे। यह दूसरों से बात करने का उनका तरीका था।”
हरभजन सिंह ने हाल ही में एक पॉडकास्ट के दौरान एक किस्सा शेयर करते हुए बताया था कि माही कैसे खिलाड़ियों को अपनी गलतियों से खुद सीखने का मौका देते थे।
उन्होंने बताया, “मुझे एक मैच याद है, जिसमें मैं शॉर्ट फाइन लेग पर फील्डिंग कर रहा था और एमएस धोनी कीपिंग कर रहे थे। शार्दुल ठाकुर गेंदबाजी कर रहे थे और पहली गेंद पर केन विलियमसन ने उन्हें बाउंड्री लगाई। अगली गेंद पर उन्होंने उसी लेंथ पर गेंदबाजी की और विलियमसन ने वही शॉट खेला। मैं एमएस के पास गया और उनसे शार्दुल को अलग-अलग लेंथ पर गेंदबाजी करने के लिए कहने को कहा। एमएस ने मुझसे कहा, 'पाजी अगर मैं उसे अभी बता दूंगा, तो वह कभी नहीं सीखेगा। उसे खुद से सीखने दो।' उनकी सोच यह थी कि जब शार्दुल को बाउंड्री के लिए मारा जाएगा, तो वह जल्दी से सीख जाएगा। यह एमएस धोनी का तरीका था।”
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