रोहित शर्मा- विराट कोहली के संन्यास पर क्या बोले विक्रम राठौर, गिल-जायसवाल को लेकर कर दी बड़ी भविष्यवाणी
5 months ago | 39 Views
टीम इंडिया के पूर्व बैटिंग कोच विक्रम राठौर को अच्छे से पता है कि आने वाले समय में टीम इंडिया को ट्रांजिशन (बदलाव) के मुश्किल दौर का सामना करना है। राठौर ने हालांकि यह भी कहा कि टीम इंडिया के पास जिस तरह से युवा खिलाड़ी हैं, उससे टीम को बदलाव के दौर से निपटने में सक्षम है। इस दौरान इस पूर्व टेस्ट क्रिकेटर ने यह भी कहा कि हालांकि बदलाव के दौर नियंत्रित तरीके से धीरे-धीरे होना चाहिए। विराट कोहली और रोहित शर्मा फिलहाल वनडे इंटरनेशनल और टेस्ट क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे लेकिन अगले कुछ सालों में बदलाव का दौर आएगा जब ये अपने करियर के अंतिम चरण में होंगे।
विक्रम राठौर ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘रोहित और विराट की क्षमता के खिलाड़ियों की जगह लेना कभी आसान नहीं होता।’ उन्होंने कहा, ‘हाल में (रविवार को) जिंबाब्वे के खिलाफ संपन्न सीरीज हमें संकेत देती है कि भविष्य में टी20 टीम कैसी दिखेगी। लेकिन टेस्ट और वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में उस स्थिति तक पहुंचने के लिए हमारे पास अब भी कुछ साल हैं।’ विक्रम ने कहा, ‘मैं इसे लेकर बहुत चिंतित नहीं हूं। हमारे पास भारतीय क्रिकेट में बहुत गहराई है। बहुत सारे प्रतिभाशाली और कुशल खिलाड़ी हैं जो सामने आ रहे हैं। हमें बस यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि बदलाव नियंत्रित तरीके से हो। इसे धीरे-धीरे करने की जरूरत है।’
विक्रम राठौर को लगता है कि जब तक रोहित और कोहली सभी फॉर्मेट को अलविदा कहेंगे तब तक युवा सितारे अच्छी तरह से स्थापित हो जाएंगे जो अगले 10 सालों के लिए टीम का केंद्र बन जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि तब तक शुभमन गिल, ऋषभ पंत, यशस्वी जायसवाल, ध्रुव जुरेल जैसे खिलाड़ी खुद को स्थापित कर लेंगे और बदलाव को आसान बना देंगे।’ राठौर ने कहा, ‘वनडे इंटरनेशनल फॉर्मेट में भी हमारे पास श्रेयस अय्यर, लोकेश राहुल और हार्दिक पांड्या जैसे अनुभवी खिलाड़ी हैं जो जिम्मेदारी निभाने को तैयार हैं।’
गिल और जायसवाल होंगे आने वाले समय में रोहित-विराट जैसे धाकड़
जिस तरह कोहली और रोहित ने एक दशक से ज्यादा समय तक भारतीय बल्लेबाजी के बोझ को अपने कंधों पर उठाया उसी तरह अगला दशक गिल और जायसवाल का हो सकता है। विक्रम राठौर ने कहा, ‘कई बेहतरीन खिलाड़ी आ रहे हैं, लेकिन ये दोनों लंबे समय तक तीनों फॉर्मेट में खेलने के लिए तैयार हैं। आने वाले सालों में ये दोनों भारतीय बल्लेबाजी की रीढ़ बनने जा रहे हैं।’ राठौर पिछले तीन सालों में द्रविड़ के लिए एक बेहतरीन सलाहकार रहे हैं और जब वे कहते हैं कि रिंकू सिंह एक अच्छे टेस्ट बल्लेबाज बनेंगे तो यह बात वजनदार लगती है।
'रिंकू में टेस्ट में सफल होने के सारे गुण'
उन्होंने कहा, ‘जब मैं उसे (रिंकू को) नेट पर बल्लेबाजी करते देखता हूं तो मुझे कोई तकनीकी कारण नजर नहीं आता कि रिंकू सफल टेस्ट बल्लेबाज नहीं बन पाए। मैं समझता हूं कि उसने टी20 क्रिकेट में एक शानदार फिनिशर के रूप में अपनी पहचान बनाई है लेकिन अगर आप उसके फर्स्ट क्लास के रिकॉर्ड को देखें तो उसका औसत 50 के ऊपरी हिस्से में है। वह (रिंकू) बहुत शांत स्वभाव का भी है। इसलिए ये सभी कारक संकेत देते हैं कि अगर उसे मौका दिया जाए तो वह एक टेस्ट क्रिकेटर के रूप में विकसित हो सकता है।’
राहुल के साथ केमेस्ट्री पर क्या बोले विक्रम राठौर
राठौर और द्रविड़ ने 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ एक ही सीरीज में टेस्ट डेब्यू किया और इससे पहले घरेलू क्रिकेट में एक दूसरे के खिलाफ खेल चुके थे। दोनों जब टीम से सहयोगी स्टाफ के रूप में जुड़े तो इस तीन दशक पुराने संबंध से काफी मदद मिली। उन्होंने कहा, ‘राहुल सबसे अच्छे कोच हैं जिनके साथ मैंने काम किया है जो आपको काम करने की स्वतंत्रता देते हैं और आपको ईमानदारी से फीडबैक देंगे।’ राठौर ने कहा ‘हमारे बीच हुई शुरुआती चर्चाओं में से एक टी20 क्रिकेट में बल्लेबाजी के खाके को बदलने के बारे में थी। हम इस बात पर सहमत हुए कि हमें अपनी बल्लेबाजी के तरीके में और अधिक जज्बा और आक्रामकता लाने की जरूरत है।’
राठौर ने कहा कि अक्षर पटेल इसका एक उदाहरण हैं जिन्होंने आठवें नंबर पर एक अच्छे बल्लेबाजी विकल्प की उनकी समस्या को हल किया। उन्होंने कहा, ‘इससे बहुत बड़ा अंतर आया और शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों को बल्लेबाजी करने की बहुत अधिक स्वतंत्रता मिली।’
#