पैसा नहीं इस वजह से ऋषभ पंत ने छोड़ा दिल्ली कैपिटल्स का साथ, पार्थ जिंदल ने खोल डाले सारे राज

पैसा नहीं इस वजह से ऋषभ पंत ने छोड़ा दिल्ली कैपिटल्स का साथ, पार्थ जिंदल ने खोल डाले सारे राज

2 hours ago | 5 Views

दिल्ली कैपिटल्स के चहेते ऋषभ पंत इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 में लखनऊ सुपर जायन्ट्स (एलएसजी) के लिए खेलते हुए नजर आएंगे। दिल्ली कैपिटल्स के लिए 2016 से 2024 तक खेले पंत के लिए यह फैसला आसान नहीं रहा होगा और ना ही दिल्ली कैपिटल्स के ओनर्स के लिए। दिल्ली कैपिटल्स के को-ओनर पार्थ जिंदल और पंत के बीच की बॉन्डिंग के बारे में सब जानते हैं। पार्थ ने पंत के जाने के बाद जिस तरह सोशल मीडिया पर अपना दिल खोलकर रख दिया, वह दिखाता है कि यह खिलाड़ी उनके लिए कितना खास था। पंत का दिल्ली कैपिटल्स से जाने का असली कारण क्या है, यह पार्थ ने अब बताया है।

रेवस्पोर्ट्स को दिए इंटरव्यू में जब पार्थ जिंदल से पूछा गया कि पंत को दिल्ली कैपिटल्स से जाने देने में उन्हें कैसा फील हो रहा है, इस पर उन्होंने कहा, ‘मैं दिल से कहूं तो इससे मैं बहुत ज्यादा इमोशनल और दुखी हूं कि मेरा फेवरेट क्रिकेटर, दादा (सौरव गांगुली) के बाद मेरा फेवरेट क्रिकेटर ऋषभ पंत रहा है और वह मेरा फेवरेट क्रिकेटर बना रहेगा। मैं इस बात से दुखी हूं कि हमने उसको खो दिया, लेकिन मैं ऑक्शन से बहुत खुश हूं।’

हमने पंत को तब ही खो दिया था जब…

पार्थ से जब पूछा गया कि उन्हें कैसा लगा, जब पंत का प्राइस 27 करोड़ तक पहुंच गया, इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमने ऋषभ को तब ही खो दिया था, जब हमने उसे रिटेन नहीं किया था। खुद से हमें ईमानदार रहना चाहिए और इसको लेकर खुद से मजाक नहीं करना चाहिए कि हम उसे ऑक्शन में वापस हासिल कर सकते थे। अगर हम ऋषभ को उस पैसे पर रिटेन करते तो हम दिल्ली कैपिटल्स का ऑक्शन पूरी तरह से बर्बाद कर देते। 18 करोड़ में ऋषभ पंत अलग प्रॉपिजिशन होते और 27 करोड़ में पूरी तरह से अलग। खुद को और किसी को बेवकूफ ना बनाते हुए यह बात कहना चाहूंगा कि हमने ऋषभ को तभी खो दिया था, जब हमने उन्हें रिटेन नहीं किया था।’

पैसा नहीं यह थी वजह

बोरिया मजूमदार ने पार्थ जिंदल से पूछा कि ऋषभ पंत ने एक मैसेज लिखा था कि पैसे वजह नहीं थे, अभी आपने कहा कि हमने रिटेन नहीं किया, तो अगर सिंगल ओनरशिप होती, तो क्या चीजें अलग होतीं? इस पर पार्थ जिंदल बोले, ‘नहीं मुझे नहीं लगता कि यहां बात ओनरशिप की है। ओनरशिप ग्रुप की बात करें तो हम सब सेम पेज पर थे। यह फैसला मिलकर लिया गया है। हमारा ऋषभ से इसको लेकर काफी डिसकशन हुआ था कि जो हमें उनसे अपेक्षा रही है, वह हमें पिछले साल नहीं मिला या उससे पहले के सालों में नहीं मिला। हमने उसे एकदम ईमानदारी से फीडबैक दिया। मैं और किरन… जीएमआर और जेएसडब्ल्यू ग्रुप एक ही फैमिली है। हमने उसे फीडबैक दिया, और उसने वैसे नहीं लिया, जैसी हमें उम्मीद थी। और हां… फिर उसने इमोशनल फैसला लिया, वह इस फ्रेंचाइजी में बड़ा हुआ है। वह युवा लड़का था, जब उसने शुरू किया था, दिल्ली डेयरडेविल्स और किरन ने उसे पहला मौका दिया था। मैं इस फ्रेंचाइजी से बाद में जुड़ा और इसके बाद पंत के साथ मेरा रिश्ता बहुत खास हो गया। ऋषभ ने खुद फैसला लिया कि को मैं यहां नहीं रुकना चाहता हूं। मैंने और किरन ने उसे रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन उसने फैसला लिया कि वह अलग दिशा में जाना चाहता है, जिसका हमने सम्मान किया। मैंने ऋषभ से कहा था कि हम ऑक्शन में तुम्हारे पीछे नहीं जाएंगे, लेकिन फिर ऑक्शन में मैंने अपने दिल की सुनी, हमने कोशिश की उसे वापस लाने की, किरन ने मुझसे कहा कि हम बाद में बाकी चीजें देख लेंगे, अभी उसको ले आते हैं, लेकिन फिर प्राइस बहुत ज्यादा बढ़ गया और हमें हाथ खींचना पड़ा, इसका ओनपशिप से कुछ लेनादेना नहीं।’

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