तैयारी अब ऐसी नहीं होती...आर अश्विन को बढ़ती उम्र के साथ है ये टेंशन, आखिर क्यों चाहिए छोटे ब्रेक?
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स्टार स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की आगामी सत्र के लिए तैयारी एक दशक पहले की तुलना में अब अलग तरह से होती है और उन्होंने रविवार को स्वीकार किया कि वह पूरे सत्र को ध्यान में रखने के बजाय एक बार में एक मैच खेलने पर ध्यान देते हैं। भारत जून 2025 तक नौ और टेस्ट खेलेगा जिसमें अलग परिस्थितियों में संभावित विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल भी शामिल है। यह अश्विन को प्रत्येक मैच के बाद खुद को अगली चुनौती के लिए तैयार रहने के लिए प्रेरित करता है।
'तो काफी मुश्किल हो सकता है'
अश्विन ने बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट के बाद पत्रकारों से कहा, ''यह एक लंबा सत्र है जो मुश्किल होगा। लेकिन जब आप इतना आगे देखते हैं तो यह काफी मुश्किल हो सकता है। आप तीन चार महीने क्रिकेट खेलते हैं और फिर 10 टेस्ट मैच भी हैं।'' उन्होंने कहा, ''लेकिन कभी-कभार आप इस तरह नहीं सोच सकते। आपको एक बार में एक मैच पर ध्यान देना होता है। मैंने इसके लिए थोड़ी मेहनत की है।'' अश्विन टेस्ट या दो सीरीज के बीच के ब्रेक का भी फिटनेस के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं।
बढ़ती उम्र के साथ है ये टेंशन
उन्होंने कहा, ''मैच के बीच अच्छे ब्रेक होते हैं। उम्मीद है कि मुझे फिटनेस के लिए छोटे ब्रेक मिलेंगे। मुझे लगता है कि ये कौशल के बजाय शारीरिक रूप से फिट रहने के बारे में है जो मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है।'' उन्होंने कहा, ''यह तैयारी अब ऐसी नहीं होती जैसी आप 25, 26, 30 या 35 की उम्र में करते हैं। 38 साल में तैयारी अलग होती है। आपको पहले की तुलना में दोगुनी मेहनत करनी पड़ती है।''
'बहुत संयमित महसूस करता हूं'
अश्विन ने अपने हरफनमौला प्रदर्शन (एक शतक और छह विकेट) से सुर्खियां बटोरीं लेकिन उनका प्रदर्शन रविंद्र जडेजा का जिक्र किए बिना अधूरा है। जडेजा ने दूसरे छोर पर उनका अच्छा साथ निभाया और मैच में पांच विकेट झटके। उन्होंने कहा, ''वह बहुत ही प्रेरणादायी रहे हैं। पिछले तीन चार साल में कई मौकों पर जब वह बल्लेबाजी करने आते हैं तो मैं बहुत शांत और संयमित महसूस करता हूं।''
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