बांग्लादेश, जिम्बाब्वे के शर्मनाक क्लब में पाकिस्तान की एंट्री, शान मसूद एंड कंपनी ने घर में बना डाला अनचाहा रिकॉर्ड
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आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023-25 में अपनी सरजमीं पर किसी टीम का प्रदर्शन सबसे ज्यादा खराब रहा है, तो वह पाकिस्तान है। पाकिस्तान ने होम सीरीज में पिछले 10 टेस्ट मैचों में एक भी जीत नहीं दर्ज की है। इस तरह से पाकिस्तान ने बांग्लादेश और जिम्बाब्वे के शर्मनाक क्लब में एंट्री कर ली है। पाकिस्तान से पहले बांग्लादेश और जिम्बाब्वे दो ही ऐसी टीमें हैं, जिन्होंने अपने होम ग्राउंड पर 10 टेस्ट मैचों में एक भी जीत दर्ज नहीं की, अब पाकिस्तान भी इस अनचाहे क्लब में शामिल हो गया है। इसके अलावा टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे पुरानी 10 टेस्ट प्लेइंग टीमों में हर टीम के खिलाफ घर पर टेस्ट गंवाने वाली पाकिस्तान दूसरी टीम बन गई है, इससे पहले इस क्लब में इकलौती टीम बांग्लादेश थी। बांग्लादेश ने पाकिस्तान को अपने इस क्लब में भी शामिल कर लिया। रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम पर पाकिस्तान ने बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज होस्ट की और दोनों मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा। पहला टेस्ट मैच पाकिस्तान ने 10 विकेट से गंवाया और दूसरा टेस्ट मैच छह विकेट से।
क्रिकेट के इतिहास में इसे पाकिस्तान का सबसे खराब दौर भी कहा जा रहा है। पाकिस्तान 2023 वर्ल्ड कप के ग्रुप स्टेज से बाहर हो गया, इसके बाद टी20 वर्ल्ड कप 2024 के ग्रुप स्टेज से आगे नहीं बढ़ पाया और अब बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की होम टेस्ट सीरीज में क्लीनस्वीप का सामना करना पड़ा है। पाकिस्तान के टेस्ट कप्तान शान मसूद भी इस सीरीज को गंवाने के बाद काफी ज्यादा निराश नजर आए। वहीं बांग्लादेश की तारीफ करनी पड़ेगी, क्योंकि दोनों टेस्ट मैचों में पाकिस्तान मजबूत स्थिति में था, लेकिन बांग्लादेश ने जुझारूपना दिखाते हुए धाकड़ वापसी की।
शान मसूद ने सीरीज गंवाने के बाद कहा, ‘मैं बहुत ज्यादा निराश हूं, क्योंकि होम सीजन को लेकर हम काफी ज्यादा एक्साइटेड थे। यहां भी ऑस्ट्रेलिया जैसी ही कहानी रही, हमने अपनी गलतियों से सबक लिया ही नहीं है। हमें लग रहा था कि हम ऑस्ट्रेलिया में अच्छा खेले, लेकिन जीत नहीं दर्ज कर पाए। हमें इस पर काम करना होगा। मेरी कप्तानी में यह चार बार हो चुका है, जब हम मजबूत स्थिति में थे और विरोधी टीम को वापसी करने का मौका दिया। मुझे लगता है कि टेस्ट क्रिकेट में फिटनेस अलग लेवल की चाहिए। हम पहले टेस्ट में चार तेज गेंदबाजों के साथ खेले, क्योंकि हमें लगा था कि तीन गेंदबाजों पर वर्कलोड ज्यादा पड़ेगा। इस टेस्ट मैच में तीन पेसर्स और तीन स्पिनर की जगह चार तेज गेंदबाज होते, तो बेहतर होता।’
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