हाइब्रिड मॉडल से पाकिस्तान को नहीं हुआ है घाटा, आकाश चोपड़ा ने गिनाई वजह
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पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा का मानना है कि आईसीसी द्वारा चैंपियंस ट्रॉफी को हाइब्रिड मॉडल पर करवाने के फैसले से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को ना तो वित्तीय और ना ही प्रतिष्ठा को कोई नुकसान पहुंचा है। भारत ने पाकिस्तान में जाकर चैंपियंस ट्रॉफी खेलने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद दोनों बोर्ड के बीच समझौता हुआ है कि 2028 तक भारत और पाकिस्तान के बीच आईसीसी टूर्नामेंट में होने वाले मुकाबले तटस्थ स्थलों पर खेले जायेंगे।
आईसीसी के अनुसार, ‘‘आईसीसी बोर्ड ने मंजूरी दे दी है कि 2024 से 2027 तक मौजूदा चक्र (जो भारत या पाकिस्तान में आयोजित किए जाने हैं) के दौरान आईसीसी टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले जाने वाले सभी मैच टूर्नामेंट के मेजबान द्वारा प्रस्तावित तटस्थ स्थल पर खेले जाएंगे।’’ यह व्यवस्था चैंपियंस ट्रॉफी 2025 (पाकिस्तान), अगले साल भारत में होने वाले महिला क्रिकेट विश्व कप और 2026 में भारत और श्रीलंका में होने वाले टी20 विश्व कप में लागू होगी।
आकाश चोपड़ा ने कहा, ''पाकिस्तान पैसे नहीं गंवा रहा है। वास्तव में, इस व्यवस्था में पाकिस्तान की साख भी नहीं गिरी है। चाहे उन्होंने हाइब्रिड मॉडल के खिलाफ कितनी भी बातें की हों, वे आखिर में सहमत हो गए, लेकिन वे खाली हाथ भी नहीं लौटे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, ''अब यह लगभग निश्चित हो गया है कि यह जैसे को तैसा वाला कदम होगा। 2027 तक सभी मैच हाइब्रिड मॉडल में होंगे। अगर भारत पाकिस्तान नहीं जा रहा है, तो पाकिस्तान भी भारत के खिलाफ खेलने भारत नहीं आएगा। पाकिस्तान अन्य देशों में अपने मुकाबले खेलेगा।''
भारत ने सुरक्षा चिंताओं के कारण फरवरी-मार्च में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान की यात्रा करने से इनकार कर दिया था। भारतीय खिलाड़ियों ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद से पाकिस्तान में कोई मैच नहीं खेला है जिसमें 150 लोग मारे गए थे। दोनों देशों के बीच आखिरी द्विपक्षीय टूर्नामेंट 2012 में हुआ था।
एक सूत्र ने कहा, ‘‘भारत के चैंपियंस ट्रॉफी के मैच संभवतः यूएई में खेले जाएंगे। जहां तक भारत में महिला वनडे विश्व कप का सवाल है तो भारत और पाकिस्तान के मैच श्रीलंका में हो सकते हैं। ’’
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