मोहम्मद शमी बन गए 'घातक बल्लेबाज', फुर्र हुई फिटनेस की टेंशन; आखिर टेस्ट के लिए क्यों रेडी नहीं गेंदबाज?
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मोहम्मद शमी ने फिटनेस संबंधी चिताओं को दूर करते हुए अपने हरफनमौला खेल से चंडीगढ़ के खिलाफ बंगाल को तीन रन की रोमांचक जीत दिलाकर सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल में पहुंचा दिया। शमी ने सोमवार को 17 गेंद में नाबाद 32 रन की पारी खेलने के बाद चार ओवर में सिर्फ 25 रन खर्च कर एक सफलता हासिल की। उन्होंने इस दौरान 13 डॉट गेंदें डाली और अच्छी गति से गेंदबाजी की। राष्ट्रीय टीम में वापसी की कोशिश में शमी ने भारत के पूर्व गेंदबाज संदीप शर्मा के खिलाफ आखिरी ओवर में 19 रन बटोरे, जिससे एक समय आठ विकेट पर 114 रन बनाकर संघर्ष कर रही बंगाल की टीम ने नौ विकेट पर 159 रन बनाए।
शमी ने आखिरी ओवर में दो छक्के मारे
शमी ने इस दौरान आखिरी ओवर में दो छक्के और एक चौका लगाने के साथ 10वें विकेट के लिए सयान घोष के साथ 21 रन की साझेदारी की। चंडीगढ़ को आखिरी ओवर में जीत के लिए 11 रन की जरूरत थी और क्रीज पर मौजूद निखिल शर्मा (17 गेंद में 22 रन)अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे।आखिरी ओवरों के विशेषज्ञ के तौर पर पहचान बना चुके घोष (30 रन पर चार विकेट) ने शानदार गेंदबाजी से निखिल को हाथ खोलने का मौका नहीं दिया। उन्होंने इस बल्लेबाज को पांचवीं गेंद पर पवेलियन की राह दिखायी। वह आखिरी गेंद पर चौका खा गए, लेकिन इससे चंडीगढ़ का स्कोर नौ विकेट पर 156 रन ही हो पाया।
आज शमी की गेंदबाजी में दिखा पैनापन
शमी ने बल्ले के बाद गेंद से भी प्रभावित किया। शमी ने पहले स्पैल की तीसरी ही गेंद पर सलामी बल्लेबाज अर्सलान जेड. खान को शाकिर हबीब गांधी के हाथों कैच करा दिया। मध्य प्रदेश के खिलाफ अपने पहले रणजी ट्रॉफी मैच की तुलना में वह काफी फिट दिख रहे थे। वह गेंदबाजी के दौरान गेंद को अपने चिर-परिचित अंदाज में सीम की मदद से स्विंग कराते दिखे। मध्य प्रदेश के खिलाफ (रणजी मैच) उन्होंने 42.3 ओवर गेंदबाजी की थी लेकिन तब उनकी गेंदबाजी में वैसा पैनापन नहीं था, जैसा कि आज दिखा। उन्होंने लगभग 135 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंदबाजी की और इस दौरान उनकी एक गेंद की गति 139 किलोमीटर प्रतिघंटे तक पहुंची।
भारतीय टीम में वापसी की राह पर शमी
उन्होंने अपने शुरुआती तीन ओवर में सिर्फ 11 रन खर्च किए, जिसमें दो चौके शामिल थे। चोट से वापसी के बाद शमी ने एक रणजी और आठ टी20 (सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी) मैच खेले हैं। उन्होंने इस दौरान 64 ओवर की गेंदबाजी में 16 विकेट लिए है। भले ही यह चार ओवर का प्रारूप है लेकिन शमी भारतीय टीम में वापसी की राह पर दिखे। टेस्ट मैच में उन्हें एक दिन में तीन या चार स्पैल में कुल 20 ओवर तक गेंदबाजी करनी पड़ सकती है। गेंदबाजी के साथ क्षेत्ररक्षण के लिए मैदान पर पूरे दिन रहना होगा।
आखिर टेस्ट के लिए क्यों रेडी नहीं शमी?
चयनकर्ता पूरी फिटनेस हासिल करने पर शमी को जल्द से जल्द टीम में लेना चाहेंगे लेकिन बीसीसीआई के गलियारों में चर्चा है कि अनुभवी तेज गेंदबाज ने खुद एनसीए मेडिकल टीम को बताया है कि ‘वह अभी भी टेस्ट मैच के लिए तैयार नहीं हैं’। उन्होंने बताया है कि मैच के दौरान गेंदबाजी में कोई समस्या नहीं है लेकिन दिन के खेल के बाद उनके घुटने में थोड़ी सूजन महसूस होती है। इसका जिक्र टेस्ट कप्तान रोहित शर्मा ने भी एडिलेड टेस्ट हारने के बाद मीडिया से बातचीत में किया था।
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