कोनस्टास ने शतक ठोककर ऑस्ट्रेलिया को दी 'प्यारी टेंशन', एडिलेड में भारत के खिलाफ रह जाएगा ये अफसोस
3 days ago | 5 Views
ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज सैम कोनस्टास का प्राइम मिनिस्टर इलेवन बनाम भारत अभ्यास मैच में बल्ला बोला। 19 वर्षीय खिलाड़ी ने रविवार को दो दिवसीय मैच के आखिर दिन शानदार शतकीय पारी खेली। उन्होंने कैनबरा में भारत के खिलाफ मुश्किल हालात में 97 गेंदों में 107 रन बनाए। उन्होंने 14 चौके और एक छक्का लगाया। यह मैच पिंक बॉल से खेला गया। इंडिया वर्सेस ऑस्ट्रेलिया दूसरा टेस्ट भी पिंक बॉल से होगा, जो एडिलेड में 6 दिसंबर से आयोजित होना है। भारत ने पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 की बढ़त बना रखी है। भारत ने पर्थ टेस्ट 295 रनों से अपने नाम किया था।
सैम कोनस्टास बने आकाश दीप का शिकार
हला दिन बारिश की भेंट चढ़ने के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने अभ्यास मैच में टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी। भारतीय गेंदबाजों ने दूसरे दिन कातिलाना गेंदबाजी करते हुए प्राइम मिनिस्टर इलेवन को 43.2 में 240 रनों पर ढेर कर दिया। ऑस्ट्रेलिया के 7 प्लेयर 138 तक पवेलियन लौट गए। हालांकि, कोनस्टास ने एक छोर मजबती से संभाला। वह 38वें ओवर में आकाश दीप का शिकार बने। ऑस्ट्रेलिया के 6 प्लेयर दहाई का आंकड़ा नहीं छू सके। कोनस्टास के अलावा जैक क्लेट (40) और नहैनो जैकब्स (61) ने डटकर भारतीय बॉलर्स का सामना किया। हर्षित राणा ने सबसे ज्यादा चार विकेट लिए। आकाश ने दो विकेट झटके।
कोनस्टास ने ऑस्ट्रेलिया को दी 'प्यारी टेंशन'
कोनस्टास ने शतक ठोककर ऑस्ट्रेलिया को एक 'प्यारी टेंशन' दी है। दरअसल, कोनस्टास ऑस्ट्रेलिया स्क्वॉड का हिस्सा नहीं हैं। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया को उन्हें एडिलेड में नहीं उतारने का अफसोस रह जाएगा। कोनस्टास को इंडिया सीरीज में मौका देने की खूब चर्चा हुई थी लेकिन नाथन मैकस्वीनी बाजी मारने में कामयाब रहे। हालांकि, मैकस्वीनी पर्थ टेस्ट में फ्लॉप हो गए। उन्होंने पहली पहली पारी में 10 रन बनाए जबकि दूसरी पारी में खाता तक नहीं खुला। कोनस्टास ने जिस तरह कैनबरा में भारतीय गेंदबाजों का सामना किया, उस देखते हुए भविष्य में चांस मिलने की संभावना बढ़ गई है।
ऑस्ट्रेलिया को मजबूत ओपनर की तलाश
बता दें कि डेविड वॉर्नर के इस साल की शुरुआत में संन्यास लेने और स्टीव स्मिथ के अपने पसंदीदा चौथे नंबर पर लौटने के बाद ऑस्ट्रेलिया को उस्मान ख्वाजा के साथ पारी की शुरुआत करने के लिए एक मजबूत सलामी बल्लेबाज की तलाश है। ऑस्ट्रेलिया ने मैकस्वीनी को आजमया लेकिन फिलहाल सफलता हाथ नहीं लगी। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर रिकी पोंटिंग और इयान हीली ने भी मैकस्वीनी की वकालत की थी, जिसके बाद कोनस्टास रेस में बाहर हो गए थे।
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