
दुबई में खेलने से भारत को मिल रहा फायदा, मोहम्मद शमी ने खुद किया कबूल
15 days ago | 5 Views
मोहम्मद शमी ने स्वीकार किया कि दुबई में अपने सभी मुकाबले खेलने से भारत को फायदा पहुंचा है। उन्होंने कहा कि भारत के अकेले प्रमुख तेज गेंदबाज होने के नाते उन पर काफी जिम्मेदारी है लेकिन वह अपनी लय हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि चैम्पियंस ट्रॉफी में टीम की जरूरतों पर खरे उतर सकें। चोट से उबरकर वापसी करने वाले शमी ने चोटिल जसप्रीत बुमराह की गैर मौजूदगी में चैम्पियंस ट्रॉफी के दौरान हर्षित राणा या हार्दिक पांड्या के साथ नई गेंद संभाली।
उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का भी फायदा मिला है कि भारतीय टीम सारे मैच दुबई में खेल रही है। उन्होंने कहा, ''इससे निश्चित तौर पर फायदा मिला है क्योंकि हम हालात और पिच को बखूबी समझते हैं। एक ही जगह सारे मैच खेलने से फायदा मिला है।''
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया पर सेमीफाइनल में चार विकेट से मिली जीत के बाद मिश्रित जोन में कहा ,‘‘ मैं अपनी लय फिर हासिल करके टीम के लिये ज्यादा योगदान देने की कोशिश कर रहा हूं । दो विशेषज्ञ तेज गेंदबाज टीम में नहीं है और मेरे ऊपर ज्यादा जिम्मेदारी है ।’
शमी ने कहा कि बुमराह की गैर मौजूदगी में उनका कार्यभार बढ गया है लेकिन वह शत प्रतिशत से ज्यादा देने की कोशिश कर रहे हैं। राणा अभी नये हैं और पंड्या हरफनमौला है जो आम तौर पर वनडे मैच में दस ओवर नहीं डालते । शमी ने अभी तक टूर्नामेंट में आठ विकेट लिए हैं ।
उन्होंने कहा ,‘‘ जब आप अकेले मुख्य तेज गेंदबाज हैं और दूसरा हरफनमौला है तो तो कार्यभार रहता है । आपको विकेट लेकर मोर्चे से अगुआई करनी होती है । मुझे इसकी आदत हो गई है और मैं अपना शत प्रतिशत से अधिक देने की कोशिश कर रहा हूं ।’’
शमी को विश्व कप 2023 के दौरान टखने में चोट लगी थी और वह लंबे ब्रेक पर रहे । उन्होंने कहा कि अब वह लंबे स्पैल फेंकने की जिम्मेदारी लेने के लिये तैयार हैं। उन्होंने कहा ,‘‘मुझे नहीं लगता कि किसी को अपनी फिटनेस के बारे में बहुत ज्यादा सोचने की जरूरत है । हमें प्रयास करने होंगे और देखते हैं कि शरीर इसे कैसे लेता है । हम सभी आखिर में मजदूर हैं ।’’
शमी ने कहा ,‘‘ मैं अब लंबे स्पैल फेंकने के लिये तैयार हूं । छोटे स्पैल हमेशा आसान होते हैं और सीमित ओवरों के क्रिकेट में यह मायने नहीं रखता कि दस ओवर फेंकने हैं या छह ओवर ।’’
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