भारत को मिलीं ‘Used’ पिच, ऑस्ट्रेलिया ने किया भेदभाव? MCG के क्यूरेटर ने बताई पर्दे के पीछे की कहानी

भारत को मिलीं ‘Used’ पिच, ऑस्ट्रेलिया ने किया भेदभाव? MCG के क्यूरेटर ने बताई पर्दे के पीछे की कहानी

1 day ago | 5 Views

भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच से पहले इस्तेमाल की गई पिचों पर अभ्यास किया। इससे टीम खुश नहीं थी। यहां तक कि कप्तान रोहित शर्मा के घुटने पर लगी चोट के लिए पिच के असमान उछाल को जिम्मेदार ठहराया गया। ऑस्ट्रेलिया पर भेदभाव का आरोप भी लगा, क्योंकि भारत ने जो दो प्रैक्टिस सेशन अटेंड किए, उनमें यूज्ड पिचों का इस्तेमाल हुआ, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने अपना पहला ही नेट सेशन नई पिचों पर किया। इस बीच एमसीजी (मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड) के क्यूरेटर मैट पेज का बयान आया है। उन्होंने पिचों का बचाव करते हुए कहा कि इसमें स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल को फॉलो किया गया है।

सहायक स्टाफ के सदस्य दयानंद गरानी के थ्रोडाउन को खेलने की कोशिश करते हुए रोहित शर्मा के बाएं घुटने में सूजन आ गई और उन्होंने इसके बाद रविवार को नेट पर अभ्यास नहीं किया। टीम ने सोमवार को अभ्यास नहीं करने का फैसला किया। पता चला कि रात को कप्तान के पैर की सूजन पर बर्फ लगानी पड़ी और टीम के ‘थिंक टैंक’ ने इसके लिए पिच के असमान उछाल को जिम्मेदार ठहराया। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय टीम ने दो महीने पहले अपना ट्रेनिंग शेड्यूल ऑस्ट्रेलिया को भेजा था, लेकिन एमसीजी क्यूरेटर टेस्ट मैच से तीन दिन पहले ही नई अभ्यास पिच देने की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पर अड़े रहे। चौथा टेस्ट 26 दिसंबर से शुरू होगा।

भारत को मुख्य पिच जैसी पिच क्यों नहीं मिली, इस बारे में मैट पेज ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम तीन दिन पहले यहां पिच तैयार करते हैं। अगर टीम उससे पहले आकर खेलती हैं तो उन्हें वही पिचें मिलेंगी जो हमारे पास उपलब्ध हैं। इसलिए आज हम नई पिचों पर हैं। अगर उन्हें आज (सोमवार) सुबह खेलना होता तो वे उन नई पिचों पर खेलते। हमारे लिए तीन दिन पहले की मानक प्रक्रिया है। हम अपनी पिचें बनाते हैं जो हमें अपने टेस्ट मैच के लिए चाहिए होती हैं।’’

जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें भारतीय कार्यक्रम की जानकारी थी और क्या भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) को जानकारी दी थी तो उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया। पेज ने बताया, ‘‘हां, उन्होंने हमें शेड्यूल दिया है। सीए और भारतीय बोर्ड के बीच पत्राचार हुआ है और उनमें क्या बात हुई मुझे नहीं पता।’’ एमसीजी में पर्थ की तरह उछाल या गाबा की तरह सीम मूवमेंट नहीं होगी, लेकिन फिर भी 6mm घास के कारण पिच तेज गेंदबाजी के लिए अनुकूल होगी। पेज ने कहा कि इतनी दरारें नहीं बनेंगी कि स्पिनरों को मदद मिले।

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