IND vs NZ: जब कानपुर का मजा लिया तो...46 पर ढेर होने को लेकर गौतम गंभीर का यह कैसा लॉजिक?

IND vs NZ: जब कानपुर का मजा लिया तो...46 पर ढेर होने को लेकर गौतम गंभीर का यह कैसा लॉजिक?

1 month ago | 5 Views

टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट की पहली पारी में 46 रनों पर ढेर होने को लेकर अपनी बात रखी है। उन्होंने बेंगलुरु में वापसी के जज्बे की सराहना की, जहां भारत को 8 विकेट से हार का मुंह देखना पड़ा। पहली पारी में विराट कोहली समेत भारत के पांच खिलाड़ियों का खाता नहीं खुला था। गंभीर ने लॉजिक दिया कि अच्छे-बुरे दिन खेल का हिस्सा होते हैं। उन्होंने बेंगलुरु में सस्ते में सिमटने की कानपुर टेस्ट से तुलना की, जहां दो दिन बारिश के कारण धुलने के बाद भी भारत को 7 विकेट से धमाकेदार जीत मिली थी। कानपुर में पहले दिन भी सिर्फ 35 ओवरों का ही खेला हो सका था। इंडिया वर्सेस न्यूजीलैंड तीन मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला गुरुवार से पुणे के मैदान पर खेला जाना है।

'कानपुर में खेल का मजा लिया तो...'

गंभीर ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा , ''क्रिकेट में यह चलता है। अगर आपने कानपुर में हमारे खेल का मजा लिया तो बेंगलुरु जैसे दिनों को भी स्वीकार करना होगा। अच्छी बात यह है कि 46 रन पर आउट होने के बावजूद हम टेस्ट जीतने की कोशिश कर रहे थे। हम ऐसा ही क्रिकेट खेलना चाहते हैं।'' बता दें कि बेंगलुरु में पहला दिन बारिश की भेंट चढ़ गया था। कप्तान रोहित शर्मा ने दूसरे दिन टॉस जीतकर बैटिंग चुनी, जो गलता फैसला साबित हुआ। भारत के 46 रनों के जवाब में न्यूजीलैंड ने 402 का स्कोर बनाया। हालांकि, भारत ने सरफराज खान (150) और ऋषभ पंत (99) की शानदार पारी बैटिंग के दम पर दूसरी पारी में जबर्दस्त वापसी करते हुए 462 रन जुटाए।

'हम मैच जीतने के बारे में सोच रहे थे'

दमदार वापसी के बावजूद भारत को पहली पारी का नुकसान महंगा पड़ा। भारत ने महज 107 रनों का टारगेट दिया, जिसे न्यूजीलैंड ने पांचवें दिन आसानी से चेज कर लिया। हेड कोच का कहना है कि उनकी कोचिंग का फलसफा विषमताओं में जीत दर्ज करना है। गंभीर ने कहा, ''हमारा पहला विकल्प हमेशा जीतना होता है। दूसरा विकल्प ड्रॉ होता है। अगर आप दूसरी पारी को भी देखें तो सिर्फ ढाई दिन खेलने का कोई इरादा नहीं था। हम इस बारे में सोच रहे थे कि मैच कैसे जीत सकते हैं। अगर आप मुझसे पूछें तो हम शायद मैच जीतने से 100 रन दूर थे। इसलिए, मुझे नहीं लगता कि 46 रन पर आउट होने के बाद कई टीमें ऐसा सोचेंगी जबकि उन्हें ढाई दिन से ज्यादा बल्लेबाजी करनी थी। हम आगे भी इसी तरह का क्रिकेट खेलना चाहते हैं।"

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