हर मैच ऐसे खेलता हूं, जैसे आखिरी हो... कंधे की चोट आकाश दीप के लिए कैसे बनी वरदान? इस सीख की बांध ली गांठ

हर मैच ऐसे खेलता हूं, जैसे आखिरी हो... कंधे की चोट आकाश दीप के लिए कैसे बनी वरदान? इस सीख की बांध ली गांठ

9 days ago | 6 Views

मैच में नौ विकेट झटकने के बाद कोई गेंदबाज आम तौर पर काफी खुश होता है लेकिन भारत के तेज गेंदबाज आकाश दीप दलीप ट्रॉफी मैच यह कारनामा करने के बाद व्यस्त सत्र से पहले उन चीजों पर ध्यान दे रहे है जिसमें उन्हें सुधार करने की जरूरत है। आकाश ने हाल ही में समाप्त हुए दलीप ट्रॉफी के पहले दौर के मैच में इंडिया बी के खिलाफ इंडिया ए के लिए शानदार प्रयास किया। उन्होंने पहली पारी में 60 रन देकर चार विकेट जबकि दूसरी पारी में 56 रन देकर पांच विकेट चटकाए।

'तो आप कुछ नहीं सीख पाएंगे'

आकाश ने रविवार को मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर आप एक क्रिकेटर के रूप में संतुष्ट हो जाएंगे तो आप कभी कुछ नहीं सीख पाएंगे। जब तक मुझमें सीखने की भूख है, मैं कभी संतुष्ट नहीं हो सकता।’’ आकाश दीप ने कहा, ‘‘विकेट और नतीजे दो अलग चीजें हैं। कभी-कभी आपको परिणाम मिलेगा, कभी-कभी नहीं। लेकिन, सबसे महत्वपूर्ण बात प्रक्रिया है...जैसे गेंदबाजी करते समय, ऐसे कौन से क्षेत्र हैं जिनमें अब भी सुधार किया जा सकता है।’’ इस साल की शुरुआत में रांची में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले आकाश ने काफी अंतराल के बाद लाल गेंद के प्रारूप में वापसी की है।

'मैं बहुत दूर तक नहीं सोचता'

बंगाल के इस खिलाड़ी ने कहा कि वह सत्र के लिए अपने तरीके से तैयारी कर रहे थे। आकाश दीप ने कहा, ‘‘रांची में भारत के लिए पदार्पण और आईपीएल के बाद मैंने कोई प्रतिस्पर्धी मैच नहीं खेला। इतने लंबे अंतराल के बाद एक तेज गेंदबाज के रूप में मैच खेलना कठिन है, लेकिन मैं पिछले महीने से अभ्यास कर रहा हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अभ्यास मैचों को वास्तविक मैच के रूप में खेल रहे थे। इसलिए, हमारी मानसिकता अपनी मांसपेशियों को उस तरह की गेंदबाजी के लिए अभ्यस्त करने की थी और इससे मुझे बहुत मदद मिली।’’ वह भविष्य के बारे में बहुत ज्यादा नहीं सोचते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं जो भी मैच खेलता हूं उसे मैं अपना आखिरी मैच मानता हूं। मैं बहुत दूर तक नहीं सोचता। मेरे सिर्फ वर्तमान के बारे में सोचता हूं।’’

'इस तरह परेशानी होती थी'

आकाश दीप को बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए भारतीय टीम में चुना गया है। 27 वर्षीय खिलाड़ी ने दलीप ट्रॉफी में शानदार नियंत्रण के साथ इन स्विंग और आउट स्विंग गेंदबाजी से बल्लेबाजों को लगातार परेशान किया। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने अपना करियर शुरू किया था, तो मैं एक इन-स्विंग गेंदबाज था। लेकिन लगभग दो-तीन साल पहले मेरे कंधे में चोट लग गई और उसके बाद मुझे इस तरह की स्विंग गेंदबाजी करने में परेशानी होती थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक गेंदबाज के रूप में आपके पास विविधता होना जरूरी है और मैंने विकल्प तलाशना शुरू कर दिया। मैंने आउट-स्विंग का अभ्यास किया और एक बार जब मेरा कंधा सामान्य हो गया तो मैंने दोनों विविधताओं पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त कर लिया।’’

'मोहम्मद शमी से सलाह लेता हूं'

आकाश ने इस मौके पर अपने करियर में भारत और बंगाल के अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनसे (शमी) सलाह लेता हूं क्योंकि हमारी गेंदबाजी काफी हद तक एक जैसी है। मैंने उनसे पूछा कि ‘राउंड द विकेट गेंदबाजी करते समय बाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए गेंद कैसे बाहर की तरफ निकाले। जिस पर उन्होंने मुझसे इसके लिए अधिक प्रयास न करने के लिए कहा क्योंकि यह स्वाभाविक रूप से होगा।’’ आकाश के शानदार प्रदर्शन के बावजूद भारत ए को भारत बी से 76 रन से हार का सामना करना पड़ा।

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