मैं देश के बेस्ट स्पिनरों में से एक हूं...मुझे टेस्ट खिलाओ, 3 T20I खेलने वाले गेंदबाज का चौंकाने वाला बयान
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तमिलनाडु के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले लेफ्ट आर्म स्पिनर आर साई किशोर ने एक बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि वह इस देश में मौजूदा समय में बेस्ट स्पिनर्स में से एक है। टीम को रणजी ट्रॉफी के फाइनल तक का सफर तय कराने के बाद साई किशोर आईपीएल 2024 में खेले थे, लेकिन बीच टूर्नामेंट में उनको गर्दन में चोट लगी थी और वे लंबे समय के लिए क्रिकेट से दूर रहे थे। हालांकि, चोट से उनके हौसले कम नहीं हुए। वे तमिलनाडु प्रीमियर लीग में नजर आए और दमदार प्रदर्शन किया। इसके बाद उनको कुछ ब्रेक मिला और इसमें उन्होंने ट्रेनिंग की।
साई किशोर ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, "मैं बहुत आत्मविश्वासी महसूस करता हूं, क्योंकि मैंने पहले कभी इस तरह की ट्रेनिंग नहीं की थी। शायद आईपीएल में आने से पहले मैं इस तरह की ट्रेनिंग करता। सुबह 4 बजे उठना, ट्रेनिंग करना और फिर बॉलिंग करना। मैंने पिछले चार-पांच सालों में इतने घंटे नहीं लगाए हैं, जितने मैंने इस प्री-सीजन में लगाए हैं। आईपीएल के दौरान, आपको समय नहीं मिलता, आप रिकवरी पर ध्यान केंद्रित करते हैं। टीएनपीएल के बाद, मुझे 15-20 दिन का ब्रेक मिला और मैंने इसका बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल किया।"
बुची बाबू इनविटेशनल टूर्नामेंट में आर साई किशोर टीएनसीए इलेवन की कप्तानी करते हुए नजर आएंगे। वे दलीप ट्रॉफी में रविंद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर और राहुल चाहर जैसे खिलाड़ियों के साथ खेलने वाले हैं। तीन टी20 इंटरनेशनल खेल चुके साई किशोर ने कहा, "मुझे लगता है कि मैं देश के सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक हूं। मुझे टेस्ट मैच में उतारो, मैं तैयार हूं। इसलिए, मैं बहुत ज्यादा चिंतित नहीं हूं। जडेजा वहां हैं, मैं उनके साथ कभी नहीं खेला। मैं सीएसके में उनके साथ रहा हूं, लेकिन लाल गेंद के प्रारूप में कभी उनके साथ नहीं खेला। वह जो करते हैं, उसके संदर्भ में यह एक अच्छा सीखने का अनुभव होगा। ऐसा कहने में, मैं आत्मविश्वास महसूस करता हूं। इसलिए, मैं पहले से कहीं ज्यादा तैयार हूं।"
साई किशोर ने ये भी कहा है कि अगर मुझसे 50 ओवर भी कराए जाते हैं तो मैं इसे खुशी-खुशी करने के लिए तैयार हूं। टेस्ट टीम की राह देख रहे आर साई किशोर ने कहा, "बुची बाबू टूर्नामेंट में खेलने का मुख्य कारण 50 ओवर गेंदबाजी करने के लिए तैयार होना है। मैं बुची बाबू टूर्नामेंट खेलना चाहता था। मैं जितना संभव हो उतना क्रिकेट खेलना चाहता हूं। कभी-कभी, इस तरह की चोटें एक वरदान साबित हो सकती हैं, क्योंकि कभी-कभी क्रिकेटर बहुत अधिक क्रिकेट खेलकर ऊब जाते हैं, मेरे साथ ऐसा ज्यादा नहीं होता, लेकिन ज्यादातर के साथ ऐसा होता है। स्वाभाविक रूप से, जब कोई चोट लगती है, तो मैं खेलने के लिए बेताब रहता हूं। अगर मुझे 50 ओवर गेंदबाजी करनी है, तो मैं इसे खुशी से करूंगा। मैं इसे ज्यादा दिलचस्पी और जोश के साथ करूंगा। इसलिए, यह एक वरदान साबित हुआ है। मैं फिर से खेलने के लिए बहुत उत्सुक हूं।"
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