'स्लेजिंग मास्टर' से 'गब्बर' कैसे बने शिखर धवन? जानिए निकनेम की दिलचस्प कहानी
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शिखर धवन ने शनिवार (24 अगस्त) को अचानक रिटायरमेंट का ऐलान कर सभी को चोंका दिया। 'गब्बर' के नाम से मशहूर धवन ने इंटरनेशनल और डोमेस्टिक क्रिकेट से संन्यास लिया है। उन्होंने सुबह-सुबह इमोशनल वीडियो शेयर किया और अपने फैसले के बारे में बताया। उन्होंने 269 इंटरनेशनल मैच खेले। वह मैदान पर अपनी बेखौफ बल्लेबाजी के साथ-साथ निराला अंदाज के लिए भी चर्चा में रहे। आइए जानते हैं कि धवन का निकनेम 'गब्बर' कैसे पड़ा?
वैसे, धवन के कई उपनाम हैं। उन्हें 'शिकी भाई', 'जट जी' के अलावा 'मिस्टर आईसीसी' भी कहा जाता है। हालांकि, 'गब्बर' निकनेम सबसे हटकर है। दरअसल, धवन 'स्लेजिंग मास्टर' से 'गब्बर' बने हैं। उनके इस नाम की दिलचस्प कहानी घरेलू क्रिकेट से शुरू हुई थी। धवन को ये नाम रणजी टीम के कोच विजय दहिया ने दिया था। धवन दिल्ली की ओर से घरेलू क्रिकेट खेले। वह सिली पाइंट पर फील्डिंग के दौरान जमकर स्लेजिंग किया करते थे।
वह अपनी टीम के खिलाड़ियों को प्रेरित करने के लिए अक्सर विरोधी बल्लेबाजों पर तंज करते थे या कोई मजाकिया बात कहते। धवन की जुबान पर उन दिनों सुपरहिट फिल्म 'शोले' का डायलॉग 'बहुत याराना लगता है' चढ़ा हुआ था। वह बल्लेबाजों का ध्यान भंग करने के लिए इसे बोलते थे। 'शोले' में यह डायलॉग अमजद खान ने बोला था, जिन्होंने फिल्म में 'गब्बर' नाम के विलेन का किरदार निभाया। धवन का घरेलू क्रिकेट में पड़ा ये नाम टीम इंडिया आने के बाद भी चर्चा में रहा।
गौरतलब है कि 38 वर्षी धवन लंबे समय से भारतीय टीम से बाहर चल रहे थे। उन्होंने आखिरी इंटरनेशल मैच दिसंबर 2022 में खेला था। धवन ने भारत के लिए 34 टेस्ट, 167 वनडे और 68 टी20 मैच खेले हैं। धवन को पिछले कुछ वर्षों में खराब फॉर्म और यशस्वी जयसवाल और शुभमन गिल जैसी युवा सलामी बल्लेबाजों के उभरने के कारण उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा। उन्होंने रिटायरमेंट की घोषणा करते हुए कहा, 'मैं अपनी क्रिकेट यात्रा का यह अध्याय समाप्त कर रहा हूं लेकिन मेरे साथ अनगिनत यादें हैं और मैं बहुत आभारी हूं। प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद। जय हिंद।’’
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