बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले इन्होंने की मोहम्मद सिराज की मदद, और फिर से शुरू हो गया 'मियां मैजिक'

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले इन्होंने की मोहम्मद सिराज की मदद, और फिर से शुरू हो गया 'मियां मैजिक'

16 days ago | 5 Views

टीम इंडिया के पेसर मोहम्मद सिराज पर्थ टेस्ट मैच से पहले पिछले कुछ मैचों में संघर्ष कर रहे थे। ऐसे में सवाल उठ रहे थे कि क्या पर्थ में मोहम्मद सिराज जसप्रीत बुमराह के सही जोड़ीदार होंगे? इसका जवाब खुद मोहम्मद सिराज ने अपनी गेंदबाजी से दिया। उन्होंने पर्थ टेस्ट में पांच विकेट निकाले और टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। हालांकि, उनको बैक टू ट्रैक लाने के लिए पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने मदद की, क्योंकि घरेलू सीरीज में न्यूजीलैंड के खिलाफ वे ड्रॉप हो गए थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में अब मियां मैजिक फिर से देखने को मिल रहा है।

सिराज अब फिर से विकेट लेने के बारे में नहीं सोच रहे, बल्कि उन चीजों पर ध्यान दे रहे हैं, जिससे वह स्विंग हासिल कर सकें और लाइन और लेंथ पर फोकस करके बल्लेबाज को परेशान करें और फिर विकेट मिले। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के अंत में हुई बातचीत को याद किया। सिराज ने अपनी फॉर्म में वापसी का श्रेय भरत अरुण को दिया और कहा कि पूर्व गेंदबाजी कोच ने उन्हें विकेटों के बारे में भूलकर प्रक्रिया का आनंद लेने की सलाह दी थी।

अरुण ने कहा, "उन्होंने मुझे बताया कि गेंद लेग की ओर फिसल रही थी, उन्हें स्विंग नहीं मिल रही थी और सीम की स्थिति भी पहले जैसी आइडियल नहीं लग रही थी। मैं उसकी गेंदबाजी को देख रहा था और कुछ बदलावों को नोटिस किया था और उससे पूछा था कि वह क्या प्रयास कर रहा है? विकेट लेने की कोशिश में उसे लगा कि उसे अपनी गति बढ़ानी होगी, अधिक स्विंग/मूवमेंट पाने की कोशिश करनी होगी और गेंद को रिलीज करने में अधिक प्रयास करना होगा।"

भरत अरुण ने आगे यह भी बताया कि सिराज के तरीके में क्या गड़बड़ थी। उन्होंने कहा, "मैंने देखा कि मुख्य समस्या यह थी कि उनकी कलाई गेंद के पीछे नहीं थी, जो उनका सबसे महत्वपूर्ण हथियार था। गति बढ़ाने के प्रयास में, ये सभी गलतियां हो रही थीं। शायद उन्होंने गेंद जल्दी फेंकने की कोशिश की। तब क्या होता है कि आपका शरीर थोड़ा और फिसल सकता है/झुक सकता है। ऐसे में आप रडार पर नहीं होते। कलाई को सही जगह पर ना रखने से सीम की स्थिति भी प्रभावित हो रही थी और उन्हें जो मूवमेंट चाहिए था, वह मिलने के बजाय गेंदबाजी प्रभावित हो रही थी।"

भरत अरुण ने आगे ये भी बताया कि सिराज को उन्होंने एक स्टंप पर यॉर्कर करने के लिए कहा था, क्योंकि इससे आप रिस्ट वर्क करना सीख जाते हैं और आपको मूवमेंट मिलना शुरू हो जाएगा और पेस भी बढ़ जाएगी। यह सिराज के लिए काम कर गया और इसका उनको फायदा मिला। सिराज और भरत दोनों फर्स्ट क्लास क्रिकेट में साथ में रहे हैं।

सिराज ने इंडिया वर्सेस प्राइम मिनिस्टर इलेवन के मैच के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "मैंने भरत अरुण सर से बात की। उन्होंने बताया कि मेरे साथ क्या हो रहा है। वह मुझे लंबे समय से जानते हैं। मैं पिछले छह-सात महीनों से बहुत अच्छी गेंदबाजी कर रहा हूं, लेकिन मुझे विकेट नहीं मिल रहे। एक इंसान के तौर पर, आप सोचने लगते हैं कि आपको विकेट क्यों नहीं मिल रहे हैं? इसलिए विकेट लेने के लिए थोड़ी ज्यादा कोशिश करने की वजह से मैं अपनी लाइन और लेंथ थोड़ी कम कर रहा था। इसलिए मैं घर पर बैठा और सोचने लगा कि मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है।"

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