सूर्यकुमार यादव को लेकर आज भी अफसोस में हैं गौतम गंभीर, बयां किया KKR की कप्तानी के दिनों का दर्द 

सूर्यकुमार यादव को लेकर आज भी अफसोस में हैं गौतम गंभीर, बयां किया KKR की कप्तानी के दिनों का दर्द 

4 months ago | 30 Views

कोलकाता नाइट राइडर्स यानी केकेआर के पूर्व कप्तान और मौजूदा समय के मेंटॉर गौतम गंभीर ने खुलासा किया है और बताया है कि कप्तानी के दौरान उनके लिए कौन सा सबसे बड़ा अफसोस रहा। उन्होंने कहा है कि सात साल की कप्तानी में उनके लिए एकमात्र अफसोस सूर्यकुमार यादव को लेकर है, क्योंकि केकेआर ने कभी उनकी क्षमता को नहीं पहचाना। वहीं, अब सूर्या मुंबई इंडियंस के लिए प्रमुख बल्लेबाज हैं। वे 2018 से मुंबई इंडियंस के लिए खेल रहे हैं, लेकिन इससे पहले 2014 से 2017 तक कोलकाता नाइट राइडर्स टीम का हिस्सा थे और उनके लिए काफी मैच खेले थे। 

बता दें कि गौतम गंभीर उस समय केकेआर की टीम का हिस्सा थे और टीम ने दो खिताब 2012 और 2014 में जीते, लेकिन गंभीर ने अब स्वीकार किया है कि सूर्या की क्षमता का ना पहचान पाना उनके लिए सबसे बड़ा अफसोस था। 2012 में सूर्या मुंबई इंडियंस का हिस्सा बने थे, लेकिन 2013 में उनको रिलीज कर दिया गया। वे एक मैच ही खेले थे। इसके बाद कोलकाता नाइट राइडर्स ने उनको अपने सेटअप में शामिल किया। उसी साल टीम ने खिताब जीता। वे अगले चार साल टीम के लिए खेले, लेकिन 54 मैचों में मिडिल ऑर्डर में सिर्फ 608 रन बना सके। इसके बाद उनको रिलीज कर दिया गया।  

सूर्या को लेकर स्पोर्ट्सकीड़ा पर गंभीर ने स्वीकार किया कि केकेआर के कप्तान के रूप में उनके कार्यकाल में सूर्यकुमार की क्षमता या लाइनअप में उनकी सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी स्थिति की पहचान ना करना उनका सबसे बड़ा अफसोस है। उन्होंने कहा, "एक लीडर की भूमिका खिलाड़ी की सर्वोत्तम क्षमता की पहचान करना और उसे दुनिया को दिखाना है। अगर मुझे अपनी सात साल की कप्तानी में कोई अफसोस है तो वह यह है कि मैं और एक टीम के रूप में सूर्यकुमार यादव का उनकी क्षमता के अनुसार सर्वोत्तम उपयोग नहीं कर पाया। इसका कारण संयोजन था। आप नंबर 3 पर केवल एक खिलाड़ी को खिला सकते हैं। एक लीडर के रूप में, आपको XI में अन्य 10 खिलाड़ियों के बारे में भी सोचना होगा। वह नंबर 3 पर कहीं अधिक प्रभावी होते, लेकिन नंबर 7 पर भी उतने ही अच्छे थे।" 

गंभीर ने आगे कहा कि सूर्यकुमार यादव एक टीम प्लेयर हैं। वे 2015 में टीम के उपकप्तान बनाए गए थे। गौतम गंभीर ने आगे बताया, "वह एक टीम मैन भी थे। कोई भी अच्छा खिलाड़ी हो सकता है, लेकिन टीम मैन बनना एक कठिन काम है। चाहे आप उन्हें नंबर 6 या 7 पर खिलाएं या उन्हें बेंच पर बिठाएं, वह हमेशा मुस्कुराते रहते थे और टीम के लिए प्रदर्शन करने के लिए हमेशा तैयार रहते थे। इसीलिए हमने उन्हें उपकप्तान नियुक्त किया था।" वे मुंबई इंडियंस आकर बहुत अच्छे बल्लेबाज के रूप में जाने गए, क्योंकि वहां रन बनाकर उनको टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका मिला और वे आज टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट के नंबर वन बल्लेबाज हैं।   

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