कोलकाता और KKR को छोड़ते हुए इमोशनल हुए गौतम गंभीर, बोले- अब सब तिरंगे के लिए होगा
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आईपीएल 2024 में कोलकाता नाइट राइडर्स को चैंपियन बनाने वाले गौतम गंभीर अब टीम इंडिया के हेड कोच होंगे। वैसे तो केकेआर के साथ गौतम गंभीर की पारी लंबी चलनी थी, लेकिन उन्होंने फ्रेंचाइजी क्रिकेट से आगे देश को रखा और उन्होंने टीम के मालिकों से बात करके केकेआर के साथ साझेदारी एक साल में ही तोड़ दी। हालांकि, उनके लिए केकेआर को छोड़ना आसान नहीं था, क्योंकि इसी टीम को उन्होंने दो बार कप्तानी करते हुए आईपीएल चैंपियन भी बनाया था और अब जब मेंटर की भूमिका में लौटे तो फिर से टीम चैंपियन बनी। यही कारण है कि कोलकाता और केकेआर को छोड़ते समय गौतम गंभीर काफी इमोशनल नजर आए और कहा है कि अब सब तिरंगे के लिए होगा।
गौतम गंभीर ने केकेआर के वीडियो में कोलकाता को छोड़ते हुए कहा, "जब तुम मुस्कुराते हो तो मैं मुस्कुराता हूं। जब तुम रोते हो तो मैं रोता हूं। जब तुम जीतते हो तो मैं जीतता हूं। जब तुम हारते हो तो मैं हारता हूं। जब तुम सपने देखते हो तो मैं सपने देखता हूं। जब तुम कुछ हासिल करते हो तो मैं कुछ हासिल करता हूं। मैं तुम पर विश्वास करता हूं और तुम्हारे साथ हो जाता हूं। मैं तुम हूं कोलकाता। मैं तुममें से ही एक हूं।"
गंभीर आगे बोलते हैं, "मैं तुम्हारे संघर्षों को जानता हूं और मुझे पता है कि यह कहां दर्द देता है। तुम्हारे कार्यों ने मुझे कुचल दिया है, लेकिन तुम्हारी तरह, मैं उम्मीद को गले लगाते हुए उठता हूं। मैं हर दिन हारता हूं, लेकिन तुम्हारी तरह, मैं अभी भी हार नहीं पाया हूं। वे मुझे लोकप्रिय होने के लिए कहते हैं। मैं उनसे विजेता बनने के लिए कहता हूं। मैं तुम्हारा कोलकाता हूं। मैं तुममें से ही एक हूं। यह कोलकाता की हवा मुझसे बात करती है। आवाज़ें, सड़कें, कान में झनझनाहट, ट्रैफिक जाम, ये सब बताते हैं कि तुम कैसा महसूस करते हो।"
केकेआर के मेंटर रहे गंभीर ने इसी कड़ी में आगे कहा, "मैं सुनता हूं कि तुम क्या कहते हो, लेकिन मैं जानता हूं कि तुम्हारा क्या मतलब है। मैं जानता हूं कि तुम इमोशनल हो, मैं भी हूं। मैं जानता हूं कि तुम मांग कर रहे हो, मैं भी कर रहा हूं। कोलकाता, हम एक बंधन हैं, हम एक कहानी हैं, हम एक टीम हैं और अब समय आ गया है जब हमें एक साथ कुछ विरासत बनानी है। समय आ गया है जब हमें कुछ बड़ी और बोल्ड स्क्रिप्ट लिखनी होंगी। स्क्रिप्ट बैंगनी स्याही से नहीं, बल्कि उस नीले रंग में, उस अनमोल भारत के नीले रंग में। जैसे ही हम दोनों नए कार्ड लेते हैं, हम एक-दूसरे से वादा करते हैं कि हम कभी अकेले नहीं चलेंगे। यह हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर, हाथ में हाथ डालकर चलेगा। यह सब उस तिरंगे के लिए होगा। यह सब हमारे भारत के बारे में होगा।"
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