टेस्ट प्रेम से टकराव तक…गौतम गंभीर और विराट कोहली के मसालेदार इंटरव्यू की ये हैं 5 बड़ी बातें
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दो जोशीले क्रिकेटर गौतम गंभीर और विराट कोहली के इंटरव्यू की एक झलक बीसीसीआई ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर की तो सभी को लगा कि कुछ मसालेदार इंटरव्यू देखने को मिलेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बुधवार 18 सितंबर को बीसीसीआई ने विराट कोहली और गौतम गंभीर का इंटरव्यू जारी किया। खुद से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए विपक्षी टीम का डटकर सामना करने वाले गौतम गंभीर को जब भारत का मुख्य कोच बनाया गया था तब विराट कोहली और उनके बीच सहज संबंध होने की उम्मीद नहीं थी, लेकिन दोनों ने अपने आक्रामक व्यक्तित्व, टेस्ट क्रिकेट के प्रति प्रेम और बड़े होने के दौरान समान महत्वाकांक्षाओं पर हंसी-मजाक और कुछ विचार साझा करके अपने इर्द-गिर्द चल रही चर्चाओं से मसाला हटाने का फैसला किया है। दोनों ने एक इंटरव्यू किया और आप भी उस इंटरव्यू की पांच बड़ी बातें जान लीजिए।
1. विराट वर्सेस गंभीर फैन वार समाप्त
विराट कोहली ने बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट से पहले ‘बीसीसीआई.टीवी’ के लिए मुख्य कोच गंभीर का साक्षात्कार लेते हुए कहा, ‘‘यहां हम सभी तरह के मसाले को खत्म कर रहे हैं।’’ इसके जवाब में गंभीर ने कहा, ‘‘यह बातचीत की अच्छी शुरुआत है।’’ इससे फैंस को मसाला नहीं मिला, क्योंकि वे उम्मीद कर रहे थे कि कुछ नया मिलेगा। कई बार हम विराट और गंभीर के बीच आईपीएल के दौरान खट्टी-मिट्ठी नोंक-झोक देख चुके हैं।
2. दिल्ली से भारतीय टीम का सफर
गंभीर अपने पूरे करियर में आक्रामक मानसिकता के साथ खेले और कोहली अब भी एक किशोर खिलाड़ी के जोश के साथ खेल रहे हैं। यह देखते हुए पिछले कुछ वर्षों में आईपीएल में उनके बीच मैदान पर टकराव कोई आश्चर्य की बात नहीं थी। इस रोचक बातचीत में दोनों ने दिल्ली और भारतीय क्रिकेट में अपने दिनों को याद किया। विश्व कप 2011 फाइनल की फुटेज देखने के बाद बातचीत आगे बढ़ी। इस मैच में गंभीर ने मैच जिताने वाली पारी खेली और टीम के अपने युवा साथी कोहली के साथ 83 रन की साझेदारी की। कोहली ने कहा, ‘‘हमने लंबा सफर तय किया है। लंबे समय तक एक साथ खेलने से लेकर, एक ही ड्रेसिंग रूम में रहने से लेकर उतार-चढ़ाव तक।’’ गंभीर ने कहा कि उनके बीच जो भी हुआ ‘अच्छी भावना’ के साथ हुआ।
कोहली जब भारतीय टीम में आए तो उनसे पांच साल बड़े गंभीर टीम में अपनी जगह पक्की कर चुके थे। कोहली को आज भी वे दिन अच्छी तरह याद हैं जब वह गंभीर और दिल्ली क्रिकेट के अन्य बड़े नामों की श्रेणी में शामिल होने की आकांक्षा रखते थे। भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान कोहली ने कहा, ‘‘उस समय कोटला एक और कोटला दो (नेट) होता था। हम हमेशा वहां रहना चाहते थे (गंभीर और उनके जैसे खिलाड़ियों के साथ)। मेरी पहली ख्वाहिश दिल्ली के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलना थी। अब आप समझ सकते हैं कि प्रतिस्पर्धा कहां से आती है क्योंकि (उनका और गंभीर का) नजरिया बहुत समान है।’’
3. दोनों का टेस्ट प्रेम
टेस्ट क्रिकेट के बारे में बात करने के तरीके से दोनों की समान मानसिकता का अंदाजा लगाया जा सकता है। गंभीर ने अपना भारतीय करियर तब शुरू किया था जब आईपीएल नहीं था और हमेशा से ही एक सफल टेस्ट क्रिकेटर बनने की ख्वाहिश रखते थे। दूसरी ओर कोहली यकीनन टेस्ट क्रिकेट के सबसे हाई प्रोफाइल समर्थक हैं। गंभीर ने कहा, ‘‘टेस्ट क्रिकेट खेल का शिखर है। मैंने टेस्ट खेलने से पहले ही एकदिवसीय क्रिकेट में पदार्पण कर लिया था। टेस्ट पदार्पण करना आज तक की मेरी सबसे अच्छी याद है। हम हमेशा सोचते थे कि हम लाल गेंद के क्रिकेट में जो करेंगे, हमें उसके आधार पर आंका जाएगा।’’
भारत के मुख्य कोच ने कहा, ‘‘आप लोग टेस्ट क्रिकेट के पथ प्रदर्शक हैं। आज के समय में यह चुनौती हमेशा बनी रहेगी कि हम अगली पीढ़ी के क्रिकेटरों को कैसे प्रेरित कर सकते हैं। मेरा मानना है कि आपकी टेस्ट टीम जितनी मजबूत होगी, आपका क्रिकेट भी उतना ही मजबूत होगा।’’ गंभीर और कोहली दोनों इस बात पर सहमत थे कि भारत को लंबे प्रारूप में अपनी सफलता का सिलसिला जारी रखने के लिए तेज गेंदबाजों और स्पिनरों की अगली पीढ़ी को तलाशना होगा। कप्तान के तौर पर कोहली ने पांच विशेषज्ञ गेंदबाजों को खिलाने पर जोर दिया था, यह एक ऐसी रणनीति थी जिसका काफी फायदा मिला।
4. टीम के लिए टारगेट
गंभीर ने कहा, ‘‘बहुत कुछ अगली पीढ़ी के गेंदबाजों पर निर्भर करेगा। हम स्तरीय बल्लेबाज तैयार करते रहेंगे। यही हमारी संरचना रही है, लेकिन क्या युवा पीढ़ी में एक दिन में 20 ओवर गेंदबाजी करने की प्रेरणा है? जसप्रीत बुमराह जैसे किसी खिलाड़ी को गेंदबाजी करना बहुत पसंद है लेकिन क्या अगली पीढ़ी के तेज गेंदबाजों को एक दिन में 20 ओवर गेंदबाजी करने में मजा आता है, यहां तक कि स्पिनरों को भी? अगर आपको ऐसा करने में मजा आता है, तो यही एकमात्र तरीका है जिससे आप टेस्ट खेलने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। हम सभी के लिए यह पता लगाना एक चुनौती होगी कि ये लोग कौन हैं।’’
5. टकराव और बहस
कोहली ने अपना आखिरी सवाल गंभीर के विपक्षी गेंदबाजों के साथ कई बार हुए टकराव के लिए रखा। हालांकि उन्हें तुरंत ही मैदान पर उनके व्यवहार के बारे में याद दिलाया गया। गंभीर ने हंसते हुए कहा, ‘‘आपकी और भी अधिक बहस हुई हैं। शायद आप इसका बेहतर जवाब दे सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा व्यक्तित्व ऐसा ही था और आपका भी व्यक्तित्व ऐसा ही है। कई बार ऐसी बातचीत आपको अपने दायरे में ले जा सकती है। मैं नहीं चाहता कि मौजूदा खिलाड़ी जरा भी बदलें।’’
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