यशस्वी जायसवाल के कैच पर पूर्व अंपायर साइमन टॉफेल का बयान, बोले- थर्ड अंपायर ने जो किया, वह पूरी तरह…
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यशस्वी जायसवाल का कैच आउट होना बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट और सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रहा। जायसवाल के बल्ले और ग्लव्स के पास से जब गेंद गुजरी तो उसमें डिफ्लेक्शन दिखा, लेकिन सिनिको यानी बल्ले या शरीर और बॉल के संपर्क को देखने के लिए यूज होने वाली टेक्नोलॉजी में कोई हरकत देखने को नहीं मिली। थर्ड अंपायर ने दोनों विजुअल देखे। हालांकि, वे डिफ्लेक्शन वाले एंगल पर गए और बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल को आउट दिया। इस पर तमाम कमेंटेटर्स और लोगों का कहना है कि टेक्नोलॉजी का यूज हो रहा है तो फिर जायसवाल आउट नहीं है। इस पर पूर्व अंपायर साइमन टॉफेल ने अपनी राय दी और थर्ड अंपायर के फैसले का समर्थन किया।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व अंपायर साइमन टॉफेल ने 7 क्रिकेट पर कहा, "देखिए। मेरे विचार से, वह (यशस्वी जायसवाल का कैच आउट होना) निर्णय आउट था। तीसरे अंपायर ने अंत में सही निर्णय लिया। टेक्नोलॉजी प्रोटोकॉल के साथ, हमारे पास अतिरिक्त पदानुक्रम है। और जब तीसरा अंपायर बल्ले से स्पष्ट डिफ्लेक्शन देखता है, तो मामले को साबित करने के लिए आगे जाने और किसी अन्य प्रकार की टेक्नोलॉजी का उपयोग करने की वास्तव में कोई आवश्यकता नहीं है। क्लियर डिफ्लेक्शन निर्णायक सबूत है।"
उन्होंने आगे कहा, “इस विशेष मामले में, हमने थर्ड अंपायर से जो देखा है, वह यह है कि उन्होंने टेक्नोलॉजी के सेकेंड्री रूप का उपयोग किया है, जो किसी भी कारण से स्पष्ट डिफ्लेक्शन का समर्थन करने के लिए ऑडियो के समान निर्णायक सबूत नहीं दिखा पाया है, लेकिन अंत में थर्ड अंपायर ने सही काम किया, क्लियर डिफ्लेक्शन पर वापस गया और मूल ऑन-फील्ड निर्णय को पलट दिया। इसलिए मेरे विचार से सही निर्णय लिया गया।” यशस्वी के बाद आकाश दीप आउट हो गए। वहां अंपायर ने सिर्फ सिनिको चेक करने के बाद उनको आउट दे दिया। ऐसे में दोहरा रवैया अपनाया जाना क्या गलत है? इसका जवाब है नहीं, क्योंकि आईसीसी के नियम कहते हैं कि अंपायर खुद समझकर भी फैसला दे सकता है।
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