ICC के पूर्व चेयरमैन ने की जय शाह की तारीफ, बोले- उनमें क्रिकेट को संकट से बाहर निकालने की क्षमता, लेकिन...

ICC के पूर्व चेयरमैन ने की जय शाह की तारीफ, बोले- उनमें क्रिकेट को संकट से बाहर निकालने की क्षमता, लेकिन...

13 days ago | 5 Views

Greg Barclay

इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष ग्रेग बार्कले का मानना है कि जय शाह में क्रिकेट को मौजूदा ‘संकट’ से बाहर निकालने और इसे अगले स्तर पर ले जाने की क्षमता है। हालांकि, उन्होंने अपने उत्तराधिकारी को खेल को ‘भारत के दबदबे’ में रखने के खिलाफ भी आगाह किया। बार्कले ने चार साल के कार्यकाल के बाद एक दिसंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन स्थलों को लेकर चल रहे मौजूदा संकट के बीच अपने पद से हटने वाले बार्कले ने कहा कि क्रिकेट चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहा है।

उन्होंने ‘द टेलीग्राफ’ से कहा, ‘‘वह (शाह) भारत को इस खेल में एक अलग स्तर पर ले गये और उनके पास आईसीसी के साथ ऐसा करने का शानदार मौका है। हालांकि, उन्हें भारत के दबदबे से बाहर निकलना होगा। हम खुशकिस्मत है कि हमें इस खेल में भारत का साथ मिला है। वे सभी मापदंडों के आधार पर खेल में एक बड़ा योगदान देते हैं, लेकिन एक देश के पास इतनी शक्ति और प्रभाव होने से बहुत सारे अन्य परिणाम बिगड़ सकते हैं। यह स्थिति खेल से जुड़े वैश्विक विकास में सहायक नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि जय शाह में भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी आगे ले जाने की क्षमता है। बार्कले बोले, ‘‘भारत कई चीजें कर सकता है जिससे खेल को एकजुट करने और आगे बढ़ाने में मदद मिल सकती है जिसमें अपनी टीमों का उपयोग करके छोटे पूर्ण सदस्यों और उभरते देशों को अवसर देना, नए क्षेत्रों और बाजारों को खोलने के लिए अपने प्रभाव का उपयोग करना, सदस्यों को लाभ पहुंचाने के लिए आईसीसी के साथ मिलकर काम करना, जैसी चीजें शामिल हैं।’’

बार्कले ने माना कि वर्तमान में बहुत ज्यादा क्रिकेट के कारण वह कई बार व्यस्त इंटरनेशनल कैलेंडर का भी ध्यान नहीं रख पाते। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है, मैं खेल के शिखर पर हूं और मैं आपको यह नहीं बता सकता कि दुनिया भर में कौन कब और कहां खेल रहा है। श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका के मैच के बारे में मुझे अखबार में पढ़कर पता चला। ऐसे में मुझे लगता है कि हमने अपना दृष्टिकोण खो दिया है। यह खेल के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। इसमें कुछ गड़बड़ है और कैलेंडर अविश्वसनीय रूप से व्यस्त है। हमारा स्वार्थ ऐसा है कि इन सभी को सुलझाना लगभग असंभव है, क्योंकि कोई भी अपनी फायदे वाली चीजों को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।’’

बार्कले ने तालिबान सरकार के गठन के बाद महिला क्रिकेट को भंग करने के बावजूद अफगानिस्तान से पूर्ण सदस्यता वापस नहीं लेने के फैसले का बचाव किया। उन्होंने इस देश के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलने को लेकर ऑस्ट्रेलिया की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड की कोई गलती नहीं थी। उनके पास महिला क्रिकेट हुआ करता था। मुझे लगता है कि हमारा दृष्टिकोण सही रहा है। अफगानिस्तान को बाहर निकालना आसान होगा, लेकिन इसमें उनके बोर्ड की कोई गलती नहीं है। वे सिर्फ एक आदेश और कुछ कानून के तहत काम कर रहे हैं। उन्हें बाहर निकालने से वहां की सत्ताधारी पार्टी को कोई फर्क पड़ेगा।’’

उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को आड़े हाथों लेते हुए कहा, ‘‘अगर आप वाकई कोई राजनीतिक बयान देना चाहते हैं, तो उनके खिलाफ विश्व कप में मत खेलिए। बेशक, इससे आपको सेमीफाइनल में जगह नहीं मिल पाएगी, लेकिन सिद्धांत तो सिद्धांत ही होते हैं। यह आधे-अधूरे सिद्धांत के बारे में नहीं है।’’

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