द हंड्रेड के इतिहास में पहली बार खेला गया सुपर ओवर से भी छोटा मैच, मुकाबला टाई होने पर ऐसे हुआ फाइनलिस्ट का फैसला
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टी20 और वनडे क्रिकेट में आपने मैच टाई होने के बाद कई बार मुकाबले का नतीजा सुपर ओवर के जरिए निकलता हुआ देखा होगा। वनडे और टी20 में तो सुपर ओवर में दोनों टीमों को 6-6 गेंदें खेलने का मौका मिलता है और जो टीम इस दौरान ज्यादा रन बनाती है वो विजेता होती है। मगर क्या आपने कभी सुपर ओवर में 5-5 गेंदों का खेल देखा है। शायद नहीं, मगर इंग्लैंड में जारी द हंड्रेड टूर्नामेंट में ऐसा देखने को मिला है। जैसा कि नाम से ही साफ है टूर्नामेंट का नाम द हंड्रेड है तो इसके नियम भी अनूठे ही होंगे।
द हंड्रेड टूर्नामेंट के मुकाबले 100-100 गेंदों के होते हैं और इस टूर्नामेंट के सुपर ओवर के नियम का उस समय दुनिया को पता चला जब शनिवार, 17 अगस्त को साउथर्न ब्रेव और बर्मिंघम फीनिक्स के बीच टूर्नामेंट का एलिमिनेटर मुकाबला टाई हुआ।
साउथर्न ब्रेव वर्सेस बर्मिंघम फीनिक्स मुकाबला टाई होने के बाद दोनों टीमों के बीच सुपर-5 हुआ, जिसमें दोनों टीमों को 5-5 गेंदें खेलने का मौका मिला।
इस दौरान पहले बैटिंग करते हुए बर्मिंघम फीनिक्स की टीम जोफ्रा आर्चर की आग उगलती गेंदबाजी के आगे जूझती नजर आई और मात्र 7 रन ही बनाने में कामयाब रही। इस स्कोर का पीछा करने उतरी साउथर्न ब्रेव ने चार गेंदों में दो चौके लगाकर मुकाबले को अपने नाम किया और शान से फाइनल में प्रवेश किया।
बात मुकाबले की करें तो, टॉस हारकर पहले बैटिंग करने उतरी साउथर्न ब्रेव की टीम ने बर्मिंघम फीनिक्स के सामने जीत के लिए 127 रनों का टारगेट रखा था। साउथर्न ब्रेव के लिए इस दौरान कप्तान जेम्स विंस ने 43 रनों की सर्वाधिक पारी खेली थी।
इस स्कोर का पीछा करने उतरी बर्मिंघम फीनिक्स की टीम निर्धारित 100 गेंदों में 126 ही रन बना पाई और मुकाबला टाई हो गया। लियाम लिविंगस्टोन ने 34 गेंदों पर 55 रनों की धमाकेदार पारी खेली, मगर वह तीन गेंद पहले आउट हो गए और टीम को जीत की दहलीज पार नहीं करा पाए।
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