इंग्लैंड ने 37 साल के बाद ODI क्रिकेट में अपनाया ये तरीका, जीत के लिए कारगर साबित हुआ ये फॉर्मूला
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इंग्लैंड की वनडे टीम के नए कप्तान लियाम लिविंगस्टोन ने इतिहास के पन्नों को पलटने का काम किया। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज में कप्तानी करते हुए एक ऐसा कदम उठाया, जो इंग्लैंड को साल 1987 के वनडे वर्ल्ड कप के दौरान उठाना पड़ा था। इंग्लैंड की टीम ने 5 या 6 नहीं, बल्कि 9 गेंदबाजों का इस्तेमाल किया। कई कप्तान बदल गए, इंग्लैंड विश्व चैंपियन भी बन गया, लेकिन 9 गेंदबाजों का इस्तेमाल किसी ने भी नहीं किया था। हालांकि, माइक गेटिंग के बाद अब लियाम लिविंगस्टोन वनडे इंटरनेशनल मैच में 9 गेंदबाजों से गेंदबाजी कराई।
आखिरी बार जब इंग्लैंड को 9 गेंदबाजों की जरूरत वनडे इंटरनेशनल मैच में पड़ी थी तो उस समय साल 1987 था और वनडे विश्व कप में इंग्लिश टीम ने श्रीलंका के खिलाफ ये चाल चली थी। इंग्लैंड उस समय भी इसका फायदा हुआ था और इस बार भी टीम को जीत मिली है। बहुत कम बार ऐसा इंटरनेशनल क्रिकेट में देखने को मिला है, जब 9 गेंदबाजों का इस्तेमाल किसी टीम ने किया हो। इंग्लैंड की प्लेइंग इलेवन से सिर्फ दो विकेटकीपर ही गेंदबाजी के लिए नहीं उतरे, बाकी सभी खिलाड़ियों ने गेंदबाजी का जिम्मा संभाला और कम से कम 2-2 ओवर गेंदबाजी की।
इंग्लैंड के लिए जोफ्रा आर्चर, जॉन टर्नर, साकिब महमूद, आदिल रशीद, लियाम लिविंगस्टोन, जैकब बेथेल, विल जैक्स, सैम करन और डैन मूसले गेंदबाजी करने के लिए उतरे। इस मैच के ऑफिशियल विकेटकीपर फिल साल्ट और जोर्डन कोक्स ने गेंदबाजी नहीं की। कोक्स भी विकेटकीपर हैं। उनको भी गेंदबाजी का अनुभव नहीं है। अन्यथा 10 गेंदबाजों का इस्तेमाल भी कप्तान लियाम लिविंगस्टोन कर सकते थे। इससे एक बात और पता चलती है कि इंग्लैंड के पास ऑलराउंडर्स की कमी नहीं है। इस मैच में भले ही वेस्टइंडीज ने 328 रन बनाए, लेकिन मैच को इंग्लैंड ने 5 विकेट से जीता।
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