'बुमराह को बाबर जैसा शौक नहीं पालना चाहिए', भारतीय गेंदबाज को पाकिस्तानी दिग्गज ने क्यों चेताया? की बड़ी भविष्यवाणी
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भारत के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के मन में कप्तान बनने की चाह है। उन्होंने हाल ही में कहा कि गेंदबाज नेतृत्व करने के लिए बिलकुल सही हैं। उन्होंने पूर्व दिग्गज कपिल देव, वसीम अकरम की कप्तान के रूप में सफलता की याद दिलाई। उन्होंने साथ ही तेज गेंदबाज पैट कमिंस का जिक्र किया। कमिंस इस वक्त ऑस्ट्रेलिया की वनडे और टेस्ट टीम के कप्तान हैं। बुमराह के बयान पर पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर बासित अली ने रिएक्ट किया है। उन्होंने कहा कि बुमराह को बाबर आजम जैसा कप्तानी का शौक नहीं पालना चाहिए। बता दें कि बाबर के हाथों में पाकिस्तान की सीमित ओवर टीम की कमान है। हालांकि, बासित ने एक बड़ी भविष्यवाणी करते हुए कहा कि बुमराह अगले साल कप्तान बन सकते हैं।
'गेंदबाजी पर फोकस करना चाहिए'
बासित ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ''मेरी नजर में बुमराह का स्टेटमेंट उस तरह है, जिस तरह बाबर को कप्तानी का शौक है। बुमराह को कप्तानी का शौक नहीं पालना चाहिए। वह जिस लेवल के शानदार गेंदबाज हैं, उन्हें उसपर फोकस करना चाहिए। उन्होंने कपिल देव और वसीम अकरम का जिक्र किया, जिन्होंने कप्तानी की। दरअसल, कपिल और वसीम ऑलराउंडर बन चुके थे, तब कैप्टेंसी में कामयाब हुए। जब वे बतौर गेंदबाज टीम में आए थे तो कप्तान नहीं बने। बॉलर और ऑलराउंडर में यह फर्क है। बहुत कम ऐसे फास्ट बॉलर होते हैं, जो अच्छे कप्तान या कोच होते हैं। बुमराह को मेरी शुभकानाएं हैं। हो सकता है कि वह आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के बाद कप्तान बन जाएं।''
'गेंदबाज कड़ी मेहनत करते हैं'
गौरतलब है कि बुमराह ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, "गेंदबाजों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और उन्हें बल्ले के पीछे नहीं छिपना पड़ता, उन्हें सपाट विकेट के पीछे नहीं छिपना पड़ता। हम हमेशा निशाने पर होते हैं। जब हम कोई खेल हारते हैं तो आमतौर पर गेंदबाजों को ही दोषी ठहराया जाता है। इसलिए यह एक कठिन काम है। हमने पैट कमिंस को वास्तव में अच्छा प्रदर्शन करते देखा है। जब मैं बच्चा था, तो मैंने वसीम अकरम और वकार यूनुस को कप्तान के रूप में देखा था। कपिल देव ने हमें विश्व कप जिताया है। इमरान खान ने पाकिस्तान के लिए विश्व कप जीता है। इसलिए गेंदबाज समझदार होते हैं।"
'देश बल्लेबाजों को पसंद करता है'
उन्होंने आगे कहा, "मैं समझता हूं कि हमारा देश बड़े बल्लेबाजों को पसंद करता है और यह सही भी है, लेकिन मेरे लिए, गेंदबाज खेल को आगे बढ़ाते हैं। मैं उस पीढ़ी से आता हूं जहां टेस्ट क्रिकेट को टेलीविजन पर अधिक दिखाया जाता था और मेरे लिए, आज तक, यह सबसे बड़ा प्रारूप है, क्योंकि मुझे लगता है कि अगर मैं इसमें अच्छा करता हूं, तो अन्य सभी प्रारूप खुद ही अपना ख्याल रखेंगे।" बुमराह एक टेस्ट और दो टी20 इंटरनेशनल मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी कर चुके हैं।
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