बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के बाद रोहित शर्मा और गौतम गंभीर से बोर्ड पूछेगा सवाल, अब तक ये जोड़ी रही है बुरी तरह फ्लॉप
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रोहित शर्मा को लेकर तमाम क्रिकेट एक्सपर्ट एक बात कह चुके हैं कि अब उन्हें टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लेना चाहिए। वे बल्लेबाज और कप्तान के तौर पर पिछले आधा दर्जन से ज्यादा मैचों में बुरी तरह फ्लॉप रहे हैं। बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी की ही बात करें तो वे कप्तान के तौर पर तीन में से दो मैच हार चुके हैं और एक मैच ड्रॉ रहा है। बल्लेबाज के तौर पर पांच पारियों में वे महज 31 रन ही बना सके हैं। ऐसे में कप्तान रोहित शर्मा और कोच गौतम गंभीर से बोर्ड सीरीज के बाद में बात कर सकता है।
रोहित शर्मा की फॉर्म की बात करें तो बीजीटी से पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ 6 पारियों में वे 91 रन बना सके थे। 42 रन उनके बांग्लादेश सीरीज में आए थे। ऐसे में पिछली 15 पारियों में उनके टेस्ट रनों की संख्या महज 164 है और इसमें औसत उनका 11 से कम का है। इन आंकड़ों के साथ अगर कोई अन्य बल्लेबाज होता तो उसको टीम से बाहर कर दिया जाता। मार्क वॉ ने तो स्पष्ट तौर पर कहा है कि मैं सिलेक्टर होता तो कह देता कि रोहित आपकी सेवा के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
वहीं, अगर क्रिकबज की रिपोर्ट की मानें तो कप्तान रोहित शर्मा और कोच गौतम गंभीर से इस सीरीज के बाद में बात हो सकती है। भले ही चीफ सिलेक्टर ऑस्ट्रेलिया में हैं और उनकी बात गंभीर और रोहित से हुई है, लेकिन सीरीज के बीच में वे किसी निर्णय पर नहीं पहुंचेंगे। अगर रोहित चाहते हैं तो वे सिडनी टेस्ट मैच से खुद को बाहर रख सकते हैं। हालांकि, इसकी गुंजाइश कम है। वह आखिरी टेस्ट मैच में टीम को लीड करने वाले हैं, जो 3 जनवरी से शुरू होना है। वे चौथे टेस्ट मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात को कह चुके हैं कि वे अभी रिटायरमेंट नहीं ले रहे।
गंभीर पर भी सवाल
इस बीच हेड कोच गौतम गंभीर की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। उनके कार्यकाल की शुरुआत से ही भारत को हार पर हार मिल रही हैं। श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज हो या न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर क्लीन स्वीप और अब बीजीटी में 2-1 से पिछड़ना ये बताता है कि ये जोड़ी अच्छा काम नहीं कर रही। यहां तक कि बीजीटी के बीच में एक प्रमुख स्पिनर, जो एक मैच विजेता रहा है, वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुका है। बीजीटी में टीम में भी कुछ हैरान करने वाले सिलेक्शन देखने को मिले हैं। एमसीजी टेस्ट की ही बात करें तो मैनेजमेंट ने शुभमन गिल को इलेवन से बाहर रखा और तीन ऑलराउंडरों को चुना। गंभीर की भूमिका अश्विन के रिटायरमेंट में भले ही ना हो, लेकिन फिर उनको सीरीज में लिए गए फैसलों के बारे में जवाब देना होगा।
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