T20 WC में बेइज्जती के बाद पाकिस्तानी टीम की कप्तानी पर बड़ा फैसला? रिपोर्ट्स में शान मसूद को मौका देने की बात

T20 WC में बेइज्जती के बाद पाकिस्तानी टीम की कप्तानी पर बड़ा फैसला? रिपोर्ट्स में शान मसूद को मौका देने की बात

3 months ago | 17 Views

Pakistan Captaincy Reports: टी20 वर्ल्ड कप से पाकिस्तान की टीम ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो चुकी है। इसके बाद पाकिस्तान की दुनिया भर में खूब किरकिरी हो रही है। इन सबके बीच पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने टीम की कप्तानी को लेकर बड़ा फैसला लिया है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पीसीबी ने शान मसूद को टेस्ट कप्तान के रूप में बरकरार रखा है। शान मसूद अगस्त महीने में बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सिरीज में पाकिस्तान की कमान संभालेंगे। बांग्लादेश की टीम पाकिस्तान में दो टेस्ट मैचों की सिरीज खेलने के लिए आने वाली है। गौरतलब है कि पिछली बार जब बाबर आजम को पाकिस्तान ने कप्तानी से हटाया था शान मसूद को टेस्ट और वनडे में कप्तान बनाया था। हालांकि जब बाबर की कप्तान के रूप में वापसी हुई तो टेस्ट कप्तान पर फैसला नहीं हुआ था। तब बाबर को वनडे और टी20 में ही कमान सौंपी गई थी।

हालांकि इन रिपोर्ट्स में बाबर आजम की कप्तानी को लेकर कोई दावा नहीं किया गया है। गौरतलब है कि पाकिस्तान के टी20 विश्व कप से जल्दी बाहर होने के लिए टीम के भीतर गुटबाजी और महत्वपूर्ण क्षणों में वरिष्ठ खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस लचर प्रदर्शन के बाद टीम के साथ ही पीसीबी में भी ‘बड़े बदलाव’ हो सकते हैं। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के सूत्रों के मुताबिक, कप्तान के रूप में वापसी पर बाबर आजम के सामने सबसे बड़ी चुनौती टीम को एकजुट करने की थी लेकिन गुटबाजी के कारण वह ऐसा नहीं कर सके। शाहीन शाह अफरीदी कप्तानी गंवाने और बाबर द्वारा जरूरत पड़ने पर उनका समर्थन नहीं करने से नाराज हैं जबकि मोहम्मद रिजवान कप्तानी के लिए विचार नहीं किए जाने से नाखुश हैं।

सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि टीम में तीन गुट हैं। एक का नेतृत्व बाबर आजम कर रहे है तो वहीं दूसरे खेमे की अगुवाई अफरीदी और तीसरे की रिजवान कर रहे हैं। इस सब के बीच मोहम्मद आमिर और इमाद वसीम जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों की वापसी से टीम की स्थिति और खराब हो गयी। उन्होंने कहा कि इमाद और आमिर की वापसी ने भ्रम बढ़ा दिया क्योंकि बाबर के लिए इन दोनों से कोई सार्थक प्रदर्शन प्राप्त करना मुश्किल था। इन दोनों ने फ्रेंचाइजी आधारित लीगों को छोड़कर लंबे समय से शीर्ष स्तर की घरेलू या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला था। सूत्र ने कहा कि ऐसे भी उदाहरण थे जहां कुछ खिलाड़ी एक-दूसरे से बात नहीं कर रहे थे और उनमें से कुछ ने टीम के तीनों खेमों की अगुवाई कर रहे खिलाड़ियों को खुश करने की भी कोशिश की।

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