जब बोनी कपूर के अवैध संबंध पर बोली थीं मोना- उनका रिश्ता कायम था, श्रीदेवी बच्चे के साथ...

जब बोनी कपूर के अवैध संबंध पर बोली थीं मोना- उनका रिश्ता कायम था, श्रीदेवी बच्चे के साथ...

1 month ago | 19 Views

बोनी कपूर की शादीशुदा जिंदगी उतार-चढ़ाव भरी रही है। दो बच्चों के पिता का उनकी हिरोइन से अफेयर हर किसी के लिए शॉकिंग था। बोनी की पत्नी मोना को इस बात का गहरा सदमा लगा था। मां को परेशान देख बच्चे अर्जुन और अंशुला की नजर में भी पिता बोनी और सौतेली मां श्रीदेवी गुनहगार बन गए थे। मोना और श्रीदेवी अब दोनों इस दुनिया में नहीं। सोशल मीडिया पर बोनी कपूर की पहली पत्नी का एक इंटरव्यू है, इसमें उन्होंने अपने पति की दूसरी शादी पर बात की थी।

सदमा था बोनी का अफेयर

मोना कपूर ने साल 2007 में बोनी कपूर के साथ अपनी असफल शादी पर बात की थी। फरहाना फारूक को दिए इंटरव्यू में मोना ने कहा था, बोनी कपूर के साथ मेरी अरेंज मैरिज थी। वह मुझसे 10 साल बड़े थे। शादी के वक्त मैं 19 साल की थी। इसलिए मैं एक तरह से उनके साथ बड़ी हुई थी। हमारी शादी को 13 साल हो गए थे। जब मुझे पता चला कि मेरे पति किसी और से प्यार करते हैं तो यह मेरे लिए सदमे की तरह था।

मेरे लिए सम्मान पहले है

दूसरा रिश्ता एक ऐसी चीज है जिसके बारे में कोई सुनता या पढ़ता ही है। लेकिन जब ये मेरे साथ हुआ तो उसी वक्त मेरी शादी खत्म हो गई। मेरे लिए सम्मान सबसे पहले है। प्यार बाद में। जैसे हम बड़े होते हैं कभी-कभी चेंज की जरूरत होती है। बोनी को भी किसी मेरी नहीं किसी और की जरूरत थी। रिश्ते को दूसरा मौका देने के लिए कुछ बचा ही नहीं था क्योंकि श्रीदेवी एक बच्चे के साथ थीं। उनका रिश्ता कायम है। मेरे लिए अलग हट जाने के लिए यही बड़ा स्टेटमेंट था।

अर्जुन-अंशुला ने भी झेलीं मुश्किलें

यह मेरे बेटे अर्जुन और बेटी अंशुला के लिए भी मुश्किल वक्त था, वे दोनों ही स्कूल में थे। दुनिया बहुत निर्दयी है। जब आपका समय खराब होता है तो लोग आपके बारे में कयास लगाते और लिविंगर में आपकी चर्चा करते हैं। इसलिए स्कूल में मेरे बच्चों को उनके क्लासमेट्स से प्रताड़ना झेलनी पड़ती थी। लेकिन वे मजबूत बन गए और सच का सामना करना सीख गए। हम सबको आपस में दर्द के धागे ने बांधकर रखा।

परिवार ने दिया साथ

मेरा परिवार जिसमें मेरे पिता, मेरी मां और मेरी बहन शामिल थे, सबने बहुत सपोर्ट किया। वे मुझे बोलते, चाहे तुम रो, अपने जख्मों पर मरहम लगाओ, वैराग्य ले लो या हिमालय पर चली जाओ, हम लोग तुम्हारे साथ हैं। अपमान दर्दनाक था क्योंकि एक हिरोइन से मेरा मुकाबला था। मुझे कमतर दिखाया गया। इंडस्ट्री की बीवियां मुझे सलाह देतीं, 'तुम अपना वजन क्यों नहीं कम कर लेती' या 'तुम स्पा क्यों नहीं जॉइन' कर लेती? इन सबसे मुझे अहसास हुआ कि मुझे उठकर फिर से खड़े होना होगा और आगे बढ़ना होगा। मैंने अपने मां-बाप से कहा कि अपनी पहचान बनानी है। मेरी दोस्त मीना गोकुलदास की मां ने मुझे जो सलाह दी थी वो मेरे लिए अकाट्य सत्य बन गया। उन्होंने कहा था, 'अगर किसी की जिंदगी में तुम्हारे लिए जगह नहीं है तो तुम्हारी जिंदगी में भी उनके लिए जगह नहीं होनी चाहिए।' यह मेरे लिए आकाशवाणी थी। मैं समझ गई कि मैं फेल नहीं हुई बल्कि मेरा रिश्ता फेल हो गया।

कड़वाहट? कभी नहीं

मेरे बच्चे मेरे साथ रहते हैं लेकिन अपने पिता के भी करीब हैं। वे उनके साथ घूमते हैं, खाना खाते हैं। मुझे उस इंसान से दुश्मनी या नफरत नहीं है। यह बहुत निर्दयी होगा अगर मैं बच्चों को उनसे दूर रखूं क्योंकि मैं पिता की जगह नहीं ले सकती। मुझे नहीं पता कि एक मर्द की तरह कैसे सोचा जा सकता है। मैं चाहती हूं कि वह खुश रहें। आखिरकार मैंने अपनी जगह दे दी ताकि वह खुश रह सकें।

मर्द की जरूरत नहीं

मैं जीवन में एक मर्द की कमी महसूस नहीं करती हूं। मेरे कुछ बहुत खूबसूरत रिश्ते रहे हैं। एक रिश्ता चार साल तक भी चला लेकिन मैं शादी में इंट्रेस्टेड नहीं हूं। क्योंकि इससे इंसान पर इमोशनल बैगेज आ जाता है, जिसे मर्द जरूरी नहीं है कि हमेशा समझे। आज मुझे कोई दर्द नहीं है, मेरी झोली भरी है।

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