जब नेशनल अवॉर्ड मिलने पर मिथुन चक्रवर्ती में आ गया था घमंड, कहा- प्रोड्यूसर ने फिर कहा गेट आउट
1 month ago | 5 Views
मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड दिए जाने का ऐलान किया गया है। मिथुन के फैंस और परिवार वाले इस खबर को जानने से काफी खुश हैं। वहीं एक्टर ने अपने इस अवॉर्ड को फैंस और परिवार वालों को डेडिकेट किया है। मिथुन ने वहीं अपनी फिल्म इंडस्ट्री की जर्नी के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने उन स्ट्रगल्स के बारे में भी बताया है, जिसका उन्हें करियर में सामना करना पड़ा, जिसमें मुंबई के फुटपाथ पर सोना भी शामिल है। एक्टर ने बताया कि जब उन्हें अपनी पहली फिल्म मृगया के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला था, तब उसके बाद उनमें अहंकार आ गया था। हालांकि, बाद के अनुभवों ने उन्हें जमीन से जुड़ा रहना सिखाया।
मुश्किल था सफर
करियर के शुरुआती समय को याद करते हुए मिथुन ने कहा कि सफर काफी मुश्किलभरा था। उन्होंने कहा, ''यह सफर बहुत कठिन था। कई लोगों ने मुझसे कहा कि आप बायोग्राफी क्यों नहीं लिखते। मैं कहता हूं कि क्योंकि मेरी स्टोरी लोगों को इंस्पायर नहीं करेगी, उनको मोरली डाउन कर देगी। जो यंग लड़के स्ट्रगल करते हैं, उनकी हिम्मत तोड़ देगी। काफी मुश्किलभरी, दर्दभरी थी। मैं कोलकाता की एक गली से आया और मुंबई भी मेरे लिए काफी कठिन थी।'
अभी तक होश नहीं संभाला
एक्टर ने आगे कहा कि कई दिन तो मुझे खाना नहीं मिलता था और कई बार मैं फुटपाथ पर ही सो जाता था। मिथुन चक्रवर्ती ने आगे कहा, 'ऐसे लड़के को फिल्मों में भारत का सबसे बड़ा अवॉर्ड मिलना, मैं अभी तक नहीं पचा पा रहा हूं। अभी तक होश संभाला नहीं। यह काफी बड़ा अवॉर्ड है। मैं खुशी से हंस भी नहीं सकता और खुशी से रो भी नहीं सकता।'
नेशनल अवॉर्ड मिलने पर आया घमंड
एक्टर ने इस दौरान यह भी बताया कि पहला नेशनल अवॉर्ड जीतने के बाद उन्होंने ऐसी एक्टिंग शुरू कर दी थी, जैसे कि वह सबसे महान एक्टर हैं। उन्होंने कहा कि मृगया के बाद मुझे पहला नेशनल अवॉर्ड मिला। जो होता है, मैं अल पचिनो की तरह एक्टिंग करने लगा। ऐसा लग रहा था कि मैं सबसे महान एक्टर हूं। मेरा एटिट्यूड बदल गया, प्रोड्यूसर ने इसे देखकर बोला गेट आउट। इसके बाद मुझे अपनी गलती का पता चला।
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