बॉलीवुड की इस फिल्म ने संजय गांधी को पहुंचा दिया था तिहाड़ जेल, हुई थी दो साल की सजा
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सरकार ने बॉलीवुड की बहुत सारी फिल्मों पर बैन लगाया है, लेकिन ये हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री की वो फिल्म है जिसने गांधी परिवार के एक और सदस्य को जेल भिजवा दिया था। इस फिल्म को अमृत नाहटा ने डायरेक्ट किया था और 1975 में सिनेमाघरों में रिलीज करने की तैयारी किया थी। वो इमरजेंसी का दौर था और इमरजेंसी के दौर में हर फिल्म पहले सरकार देखती थी और बाद में रिलीज करने की इजाजत देती थी।
जब सरकार ने ये फिल्म देखी तब उन्हें फिल्म पसंद नहीं आई। ऐसे में सेंसर बोर्ड ने 51 आपत्तियां लगाते हुए फिल्म के मेकर्स से जवाब मांगा। मेकर्स ने जवाब भी दिया, लेकिन वे नकार दिए गए। इसके बाद, फिल्म पर बैन लगा दिया गया और उसके ओरिजनल प्रिंट्स को जलाकर नष्ट कर दिया गया।
जब इमरजेंसी हटी तब आम चुनाव हुए और इंदिरा गांधी की सरकार हार गई। जनता पार्टी की सरकार बनी और फिल्म के निर्देशक अमृत नाहटा जनता पार्टी के टिकट पर सांसद बन गए। अमृत नाहटा की फिल्म के प्रिंट्स जलाने का मामला कोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने 1979 में संजय गांधी को दो साल की जेल की सजा सुनाई।
अमृत नाहटा की इस फिल्म का नाम 'किस्सा कुर्सी का' है। प्रिंट के जल जाने की वजह से अमृत नाहटा ने दोबारा पूरी फिल्म बनाई। पहली फिल्म में राज बब्बर मुख्य भूमिका में थे। हालांकि, जब दूसरी बार फिल्म बन रही थी तब राज ने फिल्म में काम करने से मना कर दिया था। ऐसे में अमृत नाहटा ने राज किरण, सुरेखा सीकरी और शबाना आजमी के साथ फिल्म बनाई। लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई।
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